लखनऊ - विश्व अल्जाइमर दिवस (21 सितंबर ) की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में सार्वजनिक शिक्षोन्नयन संस्थान द्वारा संचालित वृद्धा आश्रम सरोजनी नगर में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया |
शिविर में बलराम जिला अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. अभय सिंह ने बताया कि अल्जाइमर रोग का सबसे सामान्य रूप डिमेंशिया है। अल्जाइमर के सबसे सामान्य प्रारंभिक लक्षणों में से एक हाल की घटनाओं को याद करने में कठिनाई है। अल्जाइमर से पीड़ित रोगी अक्सर लोगों के नाम जैसे कि पुराने दोस्तों, पता, यहाँ तक कि सड़कों तथा अन्य वस्तुओं के नाम भी भूल जाते हैं।
अल्जाइमर रोग प्रगतिशील मस्तिष्क रोग हैं। इस रोग की शुरुआत चीज़े भूलने एवं कम स्तर पर याददाश्त में कमी होने के साथ होती है, जिसके परिणामस्वरूप रोगी को हाल-फ़िलहाल की घटनाओं को याद रखने में कठिनाई का सामना करना पड़ता हैं। अंततः यह दैनिक गतिविधियों, यहां तक कि बुनियादी ज़रूरतों की देखभाल करने में अक्षमता पैदा करता हैं।
अल्जाइमर रोग ज़्यादातर बुजुर्ग लोगों को प्रभावित करता है। इस रोग होने का सही कारण अभी तक ज्ञात नहीं है। मस्तिष्क में होने वाली कुछ जटिल परेशानियाँ इस बीमारी का कारण हैं।अल्जाइमर रोग का कोई उपचार उपलब्ध नहीं है। पीड़ित रोगी का प्रभावी ढंग से उपचार करने के लिए रोग की जल्दी जानकारी से लाभ मिलता हैं।
उपचार के तौर-तरीका में औषधीय, मनोवैज्ञानिक एवं देखभाल करने के तमाम पहलु शामिल हैं। इस बीमारी के उपचार में पारिवारिक एवं सामाजिक सहयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन आये, हाल-फ़िलहाल की जानकारी भूल जाये, समस्याओं को सुलझाने में चुनौती हो, घर या कार्यस्थल पर परिचित कार्यों को पूरा करने में कठिनाई। समय या स्थान को लेकर भ्रम होना, पढ़ने, दूरी एवं रंग पहचानने में कठिनाई, तारीख एवं समय की जानकारी रखने में परेशानी, चीजों को ग़लत स्थान पर रख देना, सामाजिक एवं मनोरंजक गतिविधियों से दूर रहना।
विभिन्न प्रकार की शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं मनोरंजनात्मक गतिविधियों में स्वयं को व्यस्त रखकर हम इन बीमारियों से बच सकते हैं । इस मौके पर जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की पूरी टीम उपस्थित रही |