आयुष्‍मान का सहारा मिला तो पैरों पर खड़ी हुई 18 साल की कुसुमावती



  • दीपक गिर जाने से लगी आग में जल गए थे  पैर
  • चिकित्‍सकों ने आपरेशन व प्‍लास्टिक सर्जरी के जरिए किया पैरों पर खड़ा

संतकबीरनगर - प्रधानमन्‍त्री आयुष्‍मान योजना के तहत गरीब व बेसहारा लोगों को निरन्‍तर लाभ मिल रहा है। हर साल 5 लाख तक का निशुल्‍क इलाज देने वाली इस योजना का लाभ मिला तो 18 साल की कुसुमावती अपने पैरों पर खड़ी हो सकी है। उसके इलाज में 1.5 लाख का खर्च था, जिसे उसका परिवार वहन कर पाने में सक्षम नहीं था।

जनपद के हैसर बाजार ब्‍लाक क्षेत्र के खैरगाड़ गांव के निवासी विश्‍वनाथ विश्‍वकर्मा की 18 वर्षीया पुत्री कुसुमावती घर में दीपक गिर जाने से आग की चपेट में आ गयी थी। इस आग में उसका पैर जल गया। परिजन उसे इलाज के लिए चिकित्‍सक के यहां ले गए, लेकिन उचित इलाज न मिल पाने के कारण उसका घुटने से नीचे और उपर का हिस्‍सा आपस में चिपक गया था।  नतीजा यह हुआ कि वह एक पैर से पूरी तरह से दिव्‍यांग हो गयी थी। बड़े अस्‍पताल में दिखाया तो दो लाख का खर्च बताया। इसके बाद विश्‍वनाथ विश्‍वकर्मा पूरी तरह से बेबस हो गए। विश्‍वनाथ बताते हैं कि गांव के ही एक व्‍यक्ति ने उन्‍हें राय दिया कि वह बेटी को लेकर जिलाधिकारी के यहां जाएं तो वह अपने विवेकाधीन कोष से उसके इलाज के लिए धन दिलवा देंगी। इसके बाद हर तरफ से टूट चुके विश्‍वनाथ जुलाई में अपनी बेटी को लेकर तत्‍कालीन जिलाधिकारी दिव्‍या मित्‍तल के पास गए। दिव्‍या मित्‍तल ने कुसुमावती को देखा तो वह द्रवित हो गयीं। उन्‍होने तुरन्‍त ही सीएमओ को बुलवाया और इलाज की व्‍यवस्‍था कराने को कहा। सीएमओ ने आयुष्‍मान भारत योजना के नोडल डॉ जनमेजय सिंह को बुलाया और इलाज के प्रबन्‍ध के लिए कहा। डॉ जनमेजय सिंह ने पहले आयुष्‍मान भारत योजना की लिस्‍ट को खंगाला तो पाया कि विश्‍वनाथ के पूरे परिवार का नाम आयुष्‍मान योजना में पंजीकृत है। इसके बाद उन्‍होने कुसुमावती का आयुष्‍मान कार्ड बनवाया तथा गोरखपुर में आयुष्‍मान योजना में प्‍लास्टिक सर्जरी के लिए पंजीकृत लाइफ केयर हास्पिटल में खुद अपनी गाड़ी से लेकर गए। वहां पर चिकित्‍सकों ने देखा तो उन्‍होने आयुष्‍मान योजना के तहत उसके पैर का आपरेशन किया तथा उसकी प्‍लास्टिक सर्जरी भी की। तकरीबन एक महीने बाद वह अपने दोनों पैरों पर खड़ी होने में समर्थ हो गयी। आज वह बिना किसी सहारे के चल रही है। विश्‍वनाथ बताते हैं कि चिकित्‍सकों ने कहा है कि 6 महीने के बाद एक बार फिर उसका आपरेशन होगा , जिसके बाद उसका घुटना जो पूरी तरह से मुड़ नहीं पाता है वह मुड़ने लगेगा।

सभी पात्र बनवा ले आयुष्‍मान कार्ड : आयुष्‍मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ जनमेजय सिंह बताते हैं कि कुसुमावती के परिवार का नाम आयुष्‍मान की सूची में था, लेकिन उसके परिजन अज्ञानता वश इधर उधर भटक रहे थे। ऐसे अनेक लोग जनपद में हैं। जिन लोगों के नाम आयुष्‍मान की लिस्‍ट में हैं उन्‍होने भी अपना आयुष्‍मान कार्ड नहीं बनवाया है। ऐसे लोगों से अनुरोध है कि वह अपने गांव की आशा कार्यकर्ता, पंचायत सहायक से मिलकर सूची देख लें और अगर उनका नाम है तो आयुष्‍मान कार्ड अवश्‍य बनवा लें। ताकि उन्‍हें इस योजना का लाभ मिल सके। वर्तमान समय में अभियान भी चलाया जा रहा है।

152968 आयुष्‍मान कार्ड बनाए गए : अपर मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी डॉ मोहन झा बताते हैं कि जिले में अभी तक कुल 152968 आयुष्‍मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। जिले के 19 चिकित्‍सालयों में आयुष्‍मान योजना के तहत इलाज किया जा रहा है। इनमें से 7 सरकारी तथा 12 प्राइवेट चिकित्‍सालय हैं। जिले में कुल 20533 लाभार्थियों ने योजना का लाभ लिया। इनमें से 10768 लोगों का इलाज गृहजनपद में हुआ जबकि 9765 का इलाज अन्‍य जनपदों में हुआ है। इलाज करवाने वाले लोगों को 15.27 करोड़ रुपए का क्‍लेम प्राप्‍त हुआ है।