- कैनकिड्स किड्सकैन सोसायटी के तत्वावधान में निकाली गयी कार रैली
- एम्स गोरखपुर में कैंसर पीड़ित बच्चों के उपचार केंद्र की होगी शुरुआत
लखनऊ - कैंसर पीड़ित बच्चों के सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए कैनकिड्स किड्सकैन सोसायटी के तत्वावधान में मंगलवार को जागरूकता कार रैली यहाँ से रवाना की गयी। कार रैली को झंडी दिखाकर रवाना करते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि कैंसर पीड़ित बच्चों की मुस्कान को बनाये रखने की यह अनूठी पहल है। इस मौके पर केजीएमयू के कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ. बिपिन पुरी भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कैनकिड्स किड्सकैन सोसायटी की चेयरमैन पूनम बगाई ने कहा कि सोसायटी के तहत एक अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य है-"कैंसर से पीड़ित बच्चों को जीवित रहना चाहिए और पनपना चाहिए - प्रारंभिक निदान जीवन बचाता है।" यह जीवन की गुणवत्ता, बच्चे और परिवार के अधिकारों और कैंसर से पीड़ित बच्चों के अस्तित्व को बढ़ाने का प्रयास है। इसी सोच के साथ प्रोजेक्ट हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग- सुदृढ़ पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी पार्टनरशिप प्रोजेक्ट गोरखपुर को औपचारिक रूप से लॉन्च करने जा रहे हैं।
कैनकिड्स किड्सकैन सोसायटी की स्टेट लीड डॉ. योगिता भाटिया ने बताया कि सितम्बर को बचपन कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाये जाने के क्रम में इस कार रैली का आयोजन किया जा रहा है। रैली का उद्देश्य बचपन के कैंसर पीड़ितों और उनके परिवारों का समर्थन, वित्त पोषण और जागरूकता बढ़ाना है। यह रैली लखनऊ से निकलकर अलग-अलग मार्गों से होकर पूर्वांचल के अधिकतर जिलों में जागरूकता का प्रचार-प्रसार करते हुए 28 सितम्बर को एम्स गोरखपुर पहुंचेगी। एम्स गोरखपुर में प्रो. सुरेखा किशोर द्वारा कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए उपचार केंद्र का शुभारम्भ होगा। जागरूकता फैलाने के लिए नुक्कड़ नाटक, समूह चर्चा और हितधारक जुड़ाव का भी सहारा लिया जायेगा l ज्ञात हो कि कैनकिड्स किड्सकैन एक राष्ट्रीय सोसायटी है जो कि देश में बच्चों के कैंसर के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के साथ ही बेहतर उपचार की सुविधा मुहैया कराने और सुदृढ़ीकरण को लेकर 53 शहरों और 22 राज्यों में 125 से अधिक कैंसर केन्द्रों के साथ काम कर रही है। उत्तर प्रदेश में सोसायटी कैंसर पीड़ित बच्चों को उपचार, दवाएं, निदान, पोषण और सामाजिक समर्थन के साथ सेवा प्रदान करती है।
उत्तर प्रदेश के 10 अस्पतालों में बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी उपचार और सहायता को मजबूत किया जा रहा है। इनमें किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ, संजय गांधी स्नातकोत्तर संस्थान (एसजीपीजीआई) लखनऊ,कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान (केएसएससीआई), बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) वाराणसी, होमी भाभा कैंसर अस्पताल वाराणसी, पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर हॉस्पिटल (पीजीआईसीएच) नोएडा, कमला नेहरू मेमोरियल अस्पताल (केएनएमएच) इलाहाबाद, बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज (बीआरडी) गोरखपुर व अखिल भारतीय चिकित्सा विज्ञान (एम्स) गोरखपुर शामिल हैं। गोरखपुर में एक रेफरल मार्ग भी स्थापित करेंगे ताकि उत्तर प्रदेश और नई दिल्ली में अन्य स्थापित केंद्रों की यात्रा करने से पहले कैंसर से पीड़ित बच्चों को उनकी प्रारंभिक देखभाल मिल सके।
इस मौके पर केजीएमयू के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. निशांत वर्मा और संस्था के सदस्य भी उपस्थित रहे ।