मानसिक रोग के लक्षण दिखें तो तुरंत करें चिकित्सक से संपर्क : सीएमओ



  • विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह में अपील
  • जिला अस्पताल में उपलब्ध है मानसिक रोगियों का निःशुल्क इलाज

गोरखपुर - नकारात्मक विचार या हीन भावना आना, कम या ज्यादा सोना और अक्सर उलझन व घबराहट महसूस करना आदि से यदि कोई ग्रस्त है तो उसे तत्काल चिकित्सकीय परामर्श की आवश्यकता है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे का। डॉ दूबे ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के शुभारंभ पर कई खास जानकारियां दीं। उन्होंने बताया कि एक ही विचार मन में बार बार आना, एक ही कार्य करने की बार-बार इच्छा होना, डर लगना, अनावश्यक शक होना, कानों में आवाज आना, मोबाइल या किसी नशे का लत होना आदि भी मानसिक रोग के लक्षण हैं। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में मानसिक रोगियों का निःशुल्क इलाज व दवा उपलब्ध हैं।

सीएमओ ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट के अनुसार कामकाजी छह वयस्कों में से एक वयस्क किसी न किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित है। मानसिक बीमारियों के कारण विश्व में हर साल 12 अरब कार्य दिवसों का नुकसान हो रहा है। यही वजह है कि इस वर्ष 10 अक्टूबर को मनाए जाने वाले विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण को वैश्विक प्राथमिकता बनाएं रखी गई है। इसे साकार करने के लिए आवश्यक है कि खुद में या किसी परिजन में अगर मानसिक रोग के लक्षण दिखें तो बिना देरी और संकोच के अस्पताल की मदद ली जाए। जिले में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ एके चौधरी, चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित शाही, नैदानिक मनोवैज्ञानिक डॉ रामेंद्र त्रिपाठी, साइकिट्रिक सोशल वर्कर संजीव, साइकिट्रिक नर्स विष्णु शर्मा और कम्युनिटी नर्स प्रदीप वर्मा की टीम न केवल जिला अस्पताल में बल्कि आऊटरीच क्षेत्रों में भी जाकर सेवाएं दे रही है। मानसिक रोगियों और खासकर अवसाद के रोगियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9336929266 प्रत्येक कार्य दिवस में सक्रिय रहता है, जिस पर फोन करके आवश्यक मदद ली जा सकती है ।

डॉ दूबे ने बताया कि जिला अस्पताल में प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को कक्ष संख्या 49 और 50 में मानसिक रोगियों के लिए ओपीडी चलती है। इसके अलावा डेरवा, गगहा, पाली, गोला, पिपराईच, ब्रह्मपुर, सरदारनगर और बांसगांव में रोस्टर के अनुसार मंगलवार, बृहस्पितवार एवं शनिवार को टीम विजिट करती है। टीम के लोग जेल, शरणालय, मलिन बस्तियों, बाल सुधार गृह आदि स्थानों पर भी सेवाएं दे रहे हैं ।जनपदवासियों को संकल्प लेना होगा कि अगर किसी भी जान पहचान के व्यक्ति में मानसिक रोग का कोई भी लक्षण दिखे तो उसे सेवा का लाभ अवश्य दिलवाएं।