- बच्चों को डायरिया, निमोनिया व सांस की बीमारियों से बचाएं
- ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (15 अक्टूबर) पर विशेष
- थीम - यूनिवर्सल हैंड हाइजीन के लिए एकजुट हों
कानपुर नगर - कोरोना ने हर किसी को हाथों की पूर्ण स्वच्छता की अहमियत अच्छी तरह से समझा दिया है। हाथों को स्वच्छ रखकर कोरोना ही नहीं बल्कि कई अन्य तरह की संक्रामक बीमारियों से बचा जा सकता है, क्योंकि हाथों के जरिये मुंह व नाक के रास्ते कई बीमारियां शरीर के अंदर प्रवेश कर जाती हैं। इस बारे में समुदाय को पूरी तरह जागरूक करने के लिए ही हर साल 15 अक्टूबर को ग्लोबल हैंडवाशिंग डे (विश्व हाथ धुलाई दिवस) मनाया जाता है।वर्ष 2022 में इस दिवस की थीम 'यूनिवर्सल हैंड हाइजीन के लिए एकजुट हों' है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन का कहना है कि अगर हाथों की स्वच्छता का पूरा ख्याल रखा जाए तो निमोनिया और डायरिया की चपेट में आने में निश्चित रूप से बच्चों के जीवन को बचाया जा सकता है। शुरू में बच्चे इन्हीं दोनों बीमारियों की चपेट में बार-बार आते हैं। वह इधर-उधर की वस्तुएं छूने के बाद उंगली मुंह में डाल लेते हैं या फिर उसी गंदे हाथों से कुछ खा पी लेते हैं। इससे पहले तो डायरिया फिर कुपोषण की भी जद में आ जाते हैं। इससे उनका पूरे जीवन चक्र प्रभावित हो जाता है।
जिला महिला चिकित्सालय के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिव कुमार ने बताया की मां बच्चे को छूने व स्तनपान कराने से पहले, खाना बनाने व खाने से पहले, खांसने-छींकने के फौरन बाद, बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद और शौच के बाद साबुन-पानी से 40 सेकेण्ड तक अच्छी तरह से हाथों को अवश्य धुलें। बाहर से घर आने पर साबुन-पानी से पहले हाथ व पैर अच्छी तरह धुलें तभी अंदर प्रवेश करें। इसके अलावा कोई वस्तु या सतह को छूने के बाद भी हाथों को धुलें या सेनेटाइज करें।
हाथों की सही सफाई ‘सुमन-के’ (एसयूएमएएन-के) ने समझाई : साबुन-पानी से हाथों की सही तरीके से सफाई के छह प्रमुख चरण बताये गए हैं, जिसे सुमन-के विधि से समझा जा सकता है। एस का मतलब है पहले सीधा हाथ साबुन-पानी से धुलें, यू-फिर उलटा हाथ धुलें, एम-फिर मुठ्ठी को रगड़-रगड़कर धुलें, ए-अंगूठे को धुलें, एन-नाखूनों को धुलें और के-कलाई को अच्छी तरह से धुलें। इस विधि से हाथों की सफाई की आदत बच्चों में बचपन से ही डालनी चाहिए और उसकी अहमियत भी समझानी चाहिए ।
इन स्थितियों में हाथों की स्वच्छता का रखें खास ख्याल :
- खाना बनाने और खाना खाने से पहले
- शौच के बाद
- नवजात शिशु को हाथ लगाने से पहले
- खांसने या छींकने के बाद
- बीमार व्यक्तियों की देखभाल के बाद
- कूड़ा-कचरा निपटान के बाद