लाभार्थियों को शत प्रतिशत समय से पोषाहार हो वितरण: डीपीओ



  • बाढ़ ग्रस्त लाभार्थियों सहित कुल 3.30 लाख में पोषाहार वितरण तेज

बाराबंकी  - आईसीडीएस विभाग द्वारा सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता का पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी निधि सिंह ने बताया कि समन्वित बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत जिले में हर महीने टेक होम राशन (पोषाहार) का वितरण किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शिशु, गर्भवती, धात्री महिलाओं व किशोरियों एवं अति कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य व सही पोषण को गति देना है। इसी क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता का पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वयं सहायता समूह के सहयोग से आईसीडीएस के तहत सूखा राशन गेहूं दलिया, दाल, चावल व खाद्य तेल वितरित करता है। इसके तहत जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लाभार्थियों  के साथ ही कुल 3.30 लाख को पोषाहार वितरण किया जा रहा है। जिले में पोषाहार के लिए तीन लाख 30 हजार 211 लाभार्थी चिन्हित किया गया है। इनको शासन के निर्देश के क्रम में प्रतिमाह पोषाहार के रूप में राशन वितरण किया जाता है। इसी क्रम में जिले के सभी 3056 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पोषाहार पहुंच गया है। जहां आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व स्वयं सहायता समूह के सहयोग के माध्यम से लाभार्थियों में पोषाहार वितरण किया जा रहा है। उनका कहना है कि दीपावली त्योहार की लंबी छुट्टी के चलते सभी लाभार्थियों को भी दिवाली से पूर्व राशन मुहैया करा दिया जाएगा।

लाभार्थियों को कुछ इस तरह होगा पोषाहार वितरण : डीपीओ ने बताया कि जिले में प्रतिमाह पोषाहार के रूप में गर्भवती व धात्री महिलाओं और 11 से 14 वर्ष तक की किशोरियों को 1.5 किलो गेहूं, दलिया, एक किलो चावल व दाल एवं 455 ग्राम खाद्य तेल वितरित किया जाता है। 6 माह से 03 वर्ष के बच्चों को एक किलो गेहूं, दलिया, चावल व दाल एवं 455 ग्राम खाद्य तेल वितरित किया जाता है। 3 वर्ष से 6 वर्ष तक के बच्चों को 500-500 ग्राम गेहूं दलिया,चावल व दाल वितरित की जाती है। इसके अलावा अति कुपोषित बच्चों को 1.5 किलो

पोषाहार वितरण का उद्देश्य : उन्होंने बताया कि कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार ने सिंतबर 2018 में राष्ट्रीय पोषण माह अभियान की शुरुआत की थी। आंगनबाड़ी केंद्रों पर कमजोर बच्चों का छह-छह माह में वजन किया जाता है। इसको लेकर शासन की ओर से दिए जाने वाले पोषाहार (ड्राई राशन) के लिए आधार अनिवार्य कर दिया गया है। जिले में पंजीकृत लाभार्थियों का आधार वेरिफिकेशन किया जा चुका है। उन्हें पोषाहार वितरित किया जायेगा।