- जिला स्वास्थ्य समित की बैठक में स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर की गयी चर्चा
- विभागीय कार्ययोजना को भौतिक रुप से अमल में लाने के दिए निर्देश
संतकबीरनगर - अपर जिलाधिकारी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि हर बीमारी पर नियन्त्रण के लिए कार्ययोजना बनाई जाती है। इस कार्ययोजना को भौतिक रुप से अमल में लाना स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हर कार्यकर्ता की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य विभाग एएनएम, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की क्षमताओं का उपयोग करते हुए समाज के अन्तिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने का काम करें तथा उन्हें स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ दें। संचारी रोगों के लिहाज से यह जनपद काफी संवेदनशील है, इसलिए निरन्तर निगरानी की आवश्यकता है।
यह बातें अपर जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में कहीं। विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे विविध कार्यक्रमों को जन जन तक पहुंचाने का कार्य करें। शिशु व मातृ मृत्युदर को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। हर पात्र व्यक्ति को योजना से लाभान्वित किया जाय। अगर कहीं पर भी कोई अड़चन आती है तो उसे दूर करके पात्र को योजना का लाभ दिया जाय। किसी भी योजना के क्रियान्वयन में शिथिलता व लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी । अगर कोई व्यक्ति ऐसी शिकायत करता है तो सम्बन्धित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी अनिरुद्ध कुमार सिंह ने कहा कि परिवार कल्याण के लिए चलाए जा रहे विविध कार्यक्रमों पर जोर देते हुए कहा कि लोगों को परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जागरुक करने का काम करें। साथ ही साथ आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करें। अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ दिलाने का कार्य करें।
इस दौरान जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ ओ पी चतुर्वेदी, एसीएमओ वेक्टर बार्न डिजीज डॉ वी पी पाण्डेय, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ एस रहमान, जिला मलेरिया अधिकारी राम सिंह, जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एस डी ओझा के साथ ही साथ स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न प्रकोष्ठ के प्रमुख, पोषण विभाग से जुड़े अधिकारी उपस्थित रहे।
सहयोगी संस्थाओं ने दिया प्रस्तुतिकरण : बैठक के दौरान पार्टनर एजेंसी यूनिसेफ, यूपीटीएसयू ( उत्तर प्रदेश तकनीकी सहयोग इकाई ) , डब्ल्यूएचओ व पाथ के प्रतिनिधियों ने पीपीटी के माध्यम से अभियान की कार्ययोजना प्रस्तुत की। साथ ही आशा एवं एएनएम के गुणवत्तायुक्त भ्रमण, मॉनिटरिंग, कवरेज आदि के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया।
अतिकुपोषित बच्चों को अस्पताल में कराएं भर्ती : बैठक के दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी को यह निर्देश दिया कि वह सभी आंगनबाड़ी क्षेत्र के सभी कुपोषित, अतिकुपोषित बच्चों की सूचीबद्ध कर उचित पोषाहार उपलब्ध कराएं । आवश्यकता होने पर पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) पर उपचार व पोषण पुनर्वास हेतु भिजवाएं । कुपोषित बच्चों को सुपोषित बनाना ही हम सभी की जिम्मेदारी है।