आयुष्‍मान योजना से बदला कूल्‍हा तो खुशहाल हुआ राजबली



  • जिला अस्‍पताल में चिकित्‍सक डॉ सोहन ने किया प्रत्‍यारोपण
  • आयुष्‍मान भारत योजना से मिली मदद तो अपने पैरों पर हुआ खड़ा

संतकबीरनगर - प्रधानमन्‍त्री जन आरोग्‍य योजना ( आयुष्‍मान भारत योजना ) गरीबों और निर्बलों के लिए बहुत ही सहायक हो रही है। ऐसे लोग जिनका अस्‍पतालों के महंगे पैकेज की वजह से इलाज नहीं हो पाता है, उन्‍हें इस योजना से नया जीवन मिल रहा है। जिले के मझौवां एकडंगा निवासी 52 वर्षीय राजबली ऐसे ही लाभार्थी हैं जिनका कूल्‍हा प्रत्‍यारोपण योजना की मदद से हुआ और आज वह इसकी मदद से अपने पैरों पर खड़े हो सके हैं।

पेशे से मजदूर राजबली जब फिसलकर गिरे तो उनके दोनों पैर पूरी तरह से सीधे हो गए। लोगों ने उन्‍हें किसी तरह से सीधा किया और घरेलू दवाओं के साथ सिकाई की, लेकिन पैर में असहनीय दर्द के साथ सूजन भी आ रही थी । दो दिनों तक यह क्रम चलता रहा। इसके बाद जब सूजन और बढ़ने लगी तो परिजन उन्‍हें लेकर जिला अस्‍पताल आए। यहां पर आर्थोसर्जन डॉ सोहन ने एक्‍सरे कराया तो देखा कि फीमर की हड्डी कूल्‍हे से ही टूट गयी, साथ ही सड़न भी आ रही थी। इसके बाद उन्‍होने अनसीमेंटेड कूल्‍हा प्रत्‍यारोपण का सुझाव दिया। चूंकि प्रत्‍यारोपण का खर्च अधिक था, इसलिए उन्‍होने आयुष्‍मान कार्ड के बारे में पूछा। इसके बारे में परिजनों को जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्‍होने जिला अस्‍पताल की आयुष्‍मान मित्र उर्मिला सोनकर को बुलाकर आयुष्‍मान योजना की सूची में नाम की खोजबीन की। संयोग से राजबली का नाम आयुष्‍मान भारत योजना की सूची में था। तुरन्‍त ही उसका आयुष्‍मान कार्ड बनाकर कूल्‍हा प्रत्‍यारोपण की तैयारी शुरु की गयी। सूजन कम होने के बाद 12 अक्‍टूबर को उनका कूल्‍हा प्रत्‍यारोपण किया गया, यह पूरी तरह से सफल रहा। वर्तमान में वह वाकर के सहारे अपने पैरों पर चल रहे हैं। राजबली का कूल्‍हा प्रत्‍यारोपण करने वाले डॉ सोहन स्‍वरुप शर्मा बताते हैं कि गिरने से राजबली का कूल्‍हा पूरी तरह से टूट गया था। इसके साथ ही उसमें सड़न भी हो रही थी, इसलिए कूल्‍हा प्रत्‍यारोपण ही उसका बेहतर इलाज था। चूंकि राजबली के पास आयुष्‍मान कार्ड था, इसलिए उसका सारा इलाज मुफ्त में हो गया। अगर उसके पास आयुष्‍मान कार्ड नहीं होता तो उसके लाखों रुपए खर्च होते । वहीं राजबली बताते हैं कि अगर आयुष्‍मान भारत योजना नहीं होती तो वह इतना महंगा इलाज कराने में सक्षम नहीं हो पाता। आपरेशन के सारे घाव भर चुके हैं और अब वाकर की मदद से सामान्‍य रुप से चल रहा हूं।

बीमारों को मिला 15.8 करोड़ का क्‍लेम : आयुष्‍मान भारत योजना के नोडल डॉ जनमेजय सिंह बताते हैं कि जिन लोगों के नाम आयुष्‍मान की लिस्‍ट में हैं उन्‍होने भी अपना आयुष्‍मान कार्ड नहीं बनवाया है। ऐसे लोगों से अनुरोध है कि वह अपने गांव की आशा कार्यकर्ता, पंचायत सहायक से मिलकर सूची देख लें और अगर उनका नाम है तो आयुष्‍मान कार्ड अवश्‍य बनवा लें। ताकि उन्‍हें इस योजना का लाभ मिल सके। जिले के 19 चिकित्‍सालयों में आयुष्‍मान योजना के तहत इलाज किया जा रहा है। इनमें से 7 सरकारी तथा 12 प्राइवेट चिकित्‍सालय हैं। जिले में कुल 20557 लाभार्थियों ने योजना का लाभ लिया। इलाज करवाने वाले लोगों को 15.80 करोड़ रुपए का क्‍लेम प्राप्‍त हुआ है।