आयरन युक्त आहार अपनाएं, एनीमिया को दूर भगाएं



बाराबंकी - एनीमिया यानि खून की कमी। इसे सही समय पर प्रबंधन न किया जाए तो इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। ये शारीरिक विकास में तो बाधा बनता ही है। इससे कई गंभीर रोग भी हो सकते हैं। किशोरियो एवं महिलाओं को एनीमिया से बचने के लिए भोजन में हरी साग-सब्जियों के साथ ही फल व गुड़ अधिक मात्रा में लेना चाहिए। साथ ही उन्हें आयरन की गोली भी लेनी चाहिए। आशाओं को इसके लिए गर्भवती महिलाओं के सेहत पर ध्यान रखना चाहिए।

अपर मुख्यचिकित्साधिकारी एवं नोडल अधिकारी डा केएनएम त्रिपाठी का कहना है कि 30 से 60 साल की उम्र वाली महिलाओं को सेहतमंद बनाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है। एनीमिया से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आयरन युक्त आहार को ही अपनाएं, इसके लिए भोजन में सहजन, हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेथी), दालें, फल को जरूर शामिल करें । इसके अलावा खाने में नींबू, आंवला व अमरूद जैसे खट्टे फल भी शामिल करें, जो आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं। खासकर अपने खाने में स्थानीय स्तर से उत्पादित पौष्टिक खाद्य पदार्थों को जरूर शामिल करें। सहजन हर जगह आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है और पौष्टिक तत्वों से भरपूर भी होता है। इसके साथ ही आयरन युक्त पूरक भी समग्र विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं । इसके लिए छह से 59 माह के बच्चे को हफ्ते में दो बार एक मिली. आयरन फोलिक सिरप दिया जाना चाहिए। पांच से नौ साल की उम्र में हफ्ते में आयरन फोलिक की एक गुलाबी गोली और 10 से 19 साल तक की उम्र में हफ्ते में एक बार आयरन फोलिक की नीली गोली अवश्य दी जानी चाहिए । यह सभी सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है।

इसके अलावा गर्भवती को गर्भावस्था के चौथे महीने से रोजाना 180 दिनों तक आयरन फोलिक  की एक लाल गोली और धात्री महिला को भी 180 दिनों तक आयरन फोलिक की एक लाल गोली सेवन करनी चाहिए । पेट के कीड़े निकालने के लिए अल्बेंडाजोल की निर्धारित खुराक भी लें। उनका कहना है कि सभी उम्र के लोगों में एनीमिया की जांच और पहचान किया जाना महत्वपूर्ण होता है, ताकि व्यक्ति की हिमोग्लोबिन के स्तर के अनुसार उपयुक्त उपचार प्रारंभ किया जा सके ।

महिला हास्पिटल की डॉक्टर किरन ने कहा कि महिलाओं और किशोरिया को हमेशा अपने खानपान का ध्यान रखना चाहिए। उन्हें समय-समय पर अपना हीमोग्लोबिन भी जांच कराना चाहिए। गर्भवती को तो अवश्य ही अपने हीमोग्लोबिन की जांच करानी चाहिए। गर्भवस्था के दौरान एनीमिया होने पर महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यदि किसी महिला में खून की कमी है तो उसे आयरन की गोलियां दी जाती हैं। गर्भवती महिलाओ को इसे समय से खाना चाहिए। इसके साथ ही अपने खाने में आयरन युक्त खाद्य पदार्थो को शामिल करना चाहिए। समय-समय पर प्रसव पूर्व अपनी जांच करानी चाहिए, जिससे कि स्वास्थ्य की सही स्थिति का आंकलन हो सके और उपचार किया जा सके।

एनीमिया से बचाव के लिए क्या करें: डॉक्टर से जांच कराएं, अपना अतिरिक्त वजन घटाएं, नियमित व्यायाम करें, डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाएं लें, अपने खाने में योग्य बदलाव लाएं, जैसे कि नमक एवं तैलीय भोजन का सेवन कम करें, शराब तथा तंबाकू का सेवन न करें। फल, हरी सब्जी की मात्रा खाने में बढ़ाएं।