- नियमित टीकाकरण में सुधार व बेहतर प्रबंधन के दिए टिप्स
- ब्लॉक रेस्पॉन्स टीम के सदस्यों का एक दिवसीय अभिमुखीकरण
औरैया - जिले में नियमित टीकाकरण से वंचित झिझक/उदासीन परिवारों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मंगलवार को अभिमुखीकरण कार्यक्रम हुआ। यह आयोजन ब्लॉक रेस्पॉन्स टीम के सदस्यों का नियमित टीकाकरण एवं ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) के लिए हुआ। यूनिसेफ के सहयोग यह आयोजन मंगलवार को हुआ। इस दौरान वीएचएसएनडी सत्र संबंधी सामग्री, सेवाओं और नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में और सुधार लाने व बेहतर प्रबंधन पर विस्तृत चर्चा की गई।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ शिशिर पुरी ने कहा कि नियमित टीकाकरण में सुधार लाने के लिए हमें एकजुट होकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि नियमित टीकाकरण बच्चों व माताओं को जानलेवा बीमारियों से बचाने का सबसे सशक्त माध्यम है। कहा कि शत प्रतिशत टीकाकरण लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी डेटा का संकलन करके व बेहतर कार्य योजना बना कर लक्ष्य प्राप्ति की जा सकती है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राकेश सिंह ने कहा कि सभी बच्चों के लिए टीकाकरण जरूरी है। टीकाकरण से 12 जानलेवा बीमारियों से बचाता है। इनमें टीबी. हेपेटाइटिस बी, पोलियो, काली खांसी, डिप्थीरिया, टिटनेस, हिब इंफेक्शन, निमोनिया, दस्त ,खसरा व रूबेला और दिमागी बुखार शामिल है। नियमित टीकाकरण न कराने से इसका दुष्प्रभाव बच्चे देखे जा सकते है। बच्चे उक्त बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
एस.एम.नेट, यूनिसेफ अमित बाजपेई ने टीकाकरण से झिझक व उदासीन परिवारों की वैब लिस्ट बनाने का तरीका बताया। इसके अतिरिक्त डयू लिस्ट की भी जानकारी दी, साथ ही ब्लॉक रिस्पॉन्स टीम की भूमिका आदि के बारे में बताया। डीएमसी नरेंद्र शर्मा ने टीकाकरण कार्यक्रम में आ रही कठिनाइयों पर विस्तार से चर्चा की और डेटा फीडिंग के लिये सही तरीका बताया। कहा कि टीकाकरण से बच्चों और माताओं को बीमारियों से बचाया जा सकता है। नियमित टीकाकरण की रिपोर्टिंग एवं रिकॉर्डिंग को समय पर तथा नियमानुसार एवं गुणवत्ता को निर्धारित करने की जानकारी दी। निर्देश दिया कि सभी ब्लाक अधिकारी शत प्रतिशत टीकाकरण कर लक्ष्य प्राप्ति के लिए डेटा को संकलित करें, जिसके आधार पर बेहतर कार्य योजना बनाई जा सके।
बैठक में डिप्टी सीएमओ डॉ वीपी शाक्य , डब्लूएचओ से एसएमओ चेतन शर्मा, बीपीएम, एचईओ, एमओ और यूएनडीपी के वीसीसीएम सतेन्द्र सिंह सहित बी एम सी सुबोध कुमार चतुर्वेदी ने प्रतिभाग किया।