यूपीएचसी श्रेणी में प्रदेश का इकलौता मॉडल टीकाकरण केंद्र बना बसंतपुर



  • आशा कार्यकर्ताओं की मदद से केंद्र पर लाए जाते हैं नियमित टीकाकरण के लाभार्थी

गोरखपुर - शहरी स्वास्थ्य केंद्र (यूपीएचसी) श्रेणी में बसंतपुर प्रदेश का इकलौता ऐसा केंद्र है जो टीकाकरण के लिए आदर्श केंद्र बन चुका है। इस केंद्र पर सेवा देने के अलावा लाभार्थियों को बेहतर परामर्श भी दिया जाता है। केंद्र के जरिये हर महीने औसतन 200 लाभार्थियों को टीकाकरण की सेवा दी जा रही है।

केंद्र की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ पल्लवी श्रीवास्तव ने बताया कि मॉडल टीकाकरण केंद्र के तौर पर विकसित करने में जॉन स्नो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (जेएसआई) संस्था ने विशेष सहयोग किया है। नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार की देखरेख में एक खाली पड़े कक्ष को टीकाकरण कक्ष के तौर पर विकसित किया गया और इसके बाद संस्था के सहयोग से आईईसी से कक्ष को सुसज्जित किया गया। कक्ष में टीकाकरण के मुख्य संदेशों से युक्त वॉल पेंटिंग भी कराई गई। संस्था ने क्षेत्र की सभी 12 आशा कार्यकर्ताओं को संवेदीकृत किया है। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा के दिशा-निर्देशन में नियमित टीकाकरण का कार्यक्रम केंद्र पर सुचारू तौर पर चलाया जा रहा है। टीकाकरण के अलावा लाभार्थियों की काउंसिलिंग भी की जाती है।

केंद्र से अपने पहले बच्चा का सम्पूर्ण टीकाकरण करवाने वाले सैफ अहमद (32) बताते हैं कि आशा कार्यकर्ता माया उपाध्याय उनके घर आई थीं। उन्होंने ही बताया था कि टीकाकरण की निःशुल्क सुविधा बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र पर उपलब्ध है। उनकी बेटी आयत (11) का टीकाकरण भी केंद्र से ही हो रहा है। टीकाकरण की तारीख के पहले ही आशा दीदी सूचित कर देती हैं। पहले बच्चे के टीकाकरण के समय ही बताया गया था कि टीका लगने के बाद बच्चों को कभी-कभी बुखार भी हो जाता है, लेकिन इससे घबराना नहीं है। बुखार की दवा देकर बताया गया कि बुखार आने पर दवा का प्रयोग करना है।

इसलिए बना मॉडल टीकाकरण केंद्र :

•    एक सुसज्जित कक्ष में टीकाकरण के साथ परामर्श की सुविधा है।
•    टीकाकरण के लिए पंजीकरण काउंटर बना हुआ है ।
•    मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड पर टीकों की एंट्री की जाती है।
•    आशा कार्यकर्ता ड्यू डेट की सूचना लाभार्थी को देती हैं ।
•    टीकाकरण से जुड़े अहम संदेश जगह जगह प्रदर्शित किये गये हैं ।
•    उदासीन परिवारों को भी तैयार कर टीकाकरण कराया जाता है ।
•    पर्याप्त स्थान होने की वजह से यहां पर अपेक्षाकृत ज्यादा क्षमता व गुणवत्ता वाला कोल्ड चेन उपलब्ध है।

पांच साल में सात बार टीकाकरण जरूरी : बच्चे के जन्म से लेकर पांच साल की उम्र तक सात बार नियमित टीकाकरण आवश्यक है। गर्भवती व किशोरी के लिए टीडी का टीका अनिवार्य है। टीके बारह प्रकार की जानलेवा बीमारियों से रक्षा करते हैं। बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र एक मॉडल टीकाकरण केंद्र के तौर पर कार्य कर रहा है। बाकी केंद्रों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।