गर्भवती महिलाओं के लिए संजीवनी बनी मातृत्व वंदना योजना



  • पांच साल में मातृ वंदना योजना का 86641 गर्भवतियों को लाभ
  • वित्तीय वर्ष में अब तक 10627 का हुआ पंजीकरण

बाराबंकी - जनपद में पहली बार गर्भधारण करने वाली  महिलाओं को उचित खानपान व पोषण के लिए तीन किश्तों में 5000 रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यह सहायता प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत दी जाती है। जिले में योजना के तहत करीब 86 हजार से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल चुका है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ केएनएम त्रिपाठी का कहना है कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत जिले की 86 हजार 641 गर्भवती महिलाओं को फायदा दिया गया। उन्होंने बताया कि गर्भवती के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वकांक्षी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ जनपद की महिलाएं उठा रही हैं। जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ अधिकाधिक गर्भवती को दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर से प्रयास कर रहा है। यह योजना जिले में 1 जनवरी 2017 से संचालित की जा रही है।

जनवरी 2017 से अब तक जिले में 86 हजार लाभार्थी : गर्भवती महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए चल रही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में अब तक पांच साल में 86641 महिलाओं को लाभ मिल चुका है। नियमानुसार उनके खाते में 34.95 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक 10‌,627 महिलाओं का पंजीकरण हुआ और 7.42 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना सप्ताह के तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों में जरूरी टीके के साथ ही महिलाओं को संस्थागत  प्रसव से संबंधी जानकारियां दी जा रही हैं।

तीन किश्तों में मिलते हैं पांच हजार रुपये : राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जिला कार्यक्रम अधिकारी अम्बरीश द्विवेदी ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना काल में महिलाओं को इस लाभ से बहुत राहत मिली। बताया कि पहली बार बनी गर्भवती महिलाओं को तीन किस्तों में मिलता है लाभ, इस योजना के अंतर्गत प्रथम बार गर्भवती होने पर महिलाओं को उनके खाते में सरकार द्वारा 5000 तीन किस्तों में भुगतान कर रही है । इस योजना के तहत पहली बार गर्भधारण करने वाली महिला को गर्भधारण के बाद रजिस्ट्रेशन कराने पर प्रथम किश्त के रूपये में 1000 व दूसरी किस्त गर्भवती महिलाओं को अपनी प्रसव पूर्व जांच हो जाने पर 2000 व तीसरी किस्त प्रसव के उपरांत बच्चे को सभी टीके लग जाने के साथ ही 2000 दिए जाते हैं । इस योजना का लाभार्थी अब घर बैठे स्वयं ही सरकार की वेबसाइट (www.pmmvy-case.nic.in)पर आनलाइन पंजीकरण कर सकते है। लाभार्थी को अपने आधार कार्ड को बैंक के खाते से जोड़ना चाहिए।

योजना का लाभ कैसे मिल रहा हैः जिले के समस्त सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर तैनात प्रभारी चिकित्साधिकारियों की निगरानी में गांव व वार्ड की आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी, एएनएम, के माध्यम से भरा जाता है। लाभार्थियों को इस योजना का लाभ पाने के लिए मुख्य रूप से मातृ एवं शिशु, सुरक्षा कार्ड, आधार कार्ड व पासबुक की छाया प्रति फार्म भरते समय जमा करना होता है।

यह कहना है लाभार्थियों का : पूरेडलई ब्लॉक क्षेत्र की नयरा बानो ने बताया बताया उन्हें गर्भवती होने के दौरान प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इस दौरान उपरांत आशा अनिता दीदी से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया योजना के तहत पहली बार गर्भवती हुई महिलाओं को तीन किश्तों में पांच हजार रुपये मिलते हैं। मौके पर प्रक्रिया पूरी कर योजना के तहत तीन किस्तों में 5000 रुपये का लाभ मिला। जोकि हमारे खान-पान में बहुत ही लाभदायक साबित हुई है। नयरा ने बताया की पहली बार मां बनने पर जब रजिस्ट्रेशन कराया तो प्रथम किस्त के रूप में एक हजार रुपये की किस्त आयी। उसके बाद प्रसव पूर्व जांच करायी तो उसके लिए दो हजार रुपये की किस्त आयी । वहीं प्रसव के उपरांत बच्चे को सभी टीके लग जाने के उपरांत दो हजार रुपये तीसरी किस्त के रूप में मिले।

जनपद के ग्राम सिकरी जिवल की लाभार्थी के पति अश्विनी कुमार ने बताया प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत गर्भावस्था के कठिन समय में उन्हें अतिरिक्त पोषण व भोजन की आवश्यकता थी। तब तीन बार में पंजीकरण, जांच एवं बच्चों को सभी टीके पूरे करने पर 5000 रुपये मिले जिसकी तीसरी किस्त अक्टूबर में मिली है। इससे उनके इलाज और भोजन व पोषण युक्त भोजन लेने में बहुत सहायता मिली है।