लखनऊ - राष्ट्रीय दृष्टि विहीनता एवं दृष्टि दोष नियंत्रण कार्यक्रम एवं राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र काकोरी में बुधवार को 19 सरकारी विद्यालयों के 28 छात्र-छात्राओं को चश्मों का वितरण किया गया |
इस मौके पर सीएचसी अधीक्षक डॉ दिलीप भार्गव ने कहा कि आरबीएसके एक ऐसी ही पहल है जिसका उद्देश्य जन्म से 19 वर्ष के बच्चों में चार प्रकार की विसंगतियों की जांच करना है | इनको फोर डी भी कहते हैं – डिफ़ेक्ट एट बर्थ, डेफिशिएन्सी, डिजीज, डेवलपमेंट डिलेज इंक्लुडिंग डिसेबिलिटी यानि किसी भी प्रकार का विकार, बीमारी, कमी और दिव्यांगता| इन कमियों से प्रभावित बच्चों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम निःशुल्क सर्जरी सहित प्रभावी उपचार प्रदान कराता है|
जिन बच्चोंको चश्मे का वितरण किया गया है, उनकी आँखों की जांच विद्यालयों में आरबीसके की टीम द्वारा किया गया था | राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है कि जन्म से 19 वर्ष तक की आयु का कोई भी बच्चा स्वास्थ्य से वंचित न रहे |
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शून्य से 19 साल तक के बच्चों का नेत्र परीक्षण किया गया | इस अवसर पर नेत्र परीक्षण अधिकारी आसमा बेग, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम एवं संबंधित विद्यालयों के अध्यापक आदि उपस्थित रहे | इस मौके पर आरबीएसके के नेत्र परीक्षण अधिकारी आसमा बेग स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शशि भूषण, बीसीपीएम प्रद्युम्न कुमार मौर्य और सीएचसी के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे |