मेदांता हॉस्पिटल के डाक्टरों ने 3 साल की बच्ची का लिवर ट्रांसप्लांट कर रचा इतिहास



  • 12 घंटे में किया सफलतापूर्वक लिवर ट्रांसप्लांट

लखनऊ - कहा जाता है कि डॉक्टर चिकित्सीय फार्मूले से मुर्दा व्यक्ति में भी जान फूक देता है और लखनऊ के मेदांता हॉस्पिटल में ऐसा ही देखने को मिला है। लखनऊ के प्रतिष्ठित निजी हॉस्पिटल मेदांता में 3 साल 6 माह की बच्ची का डॉक्टरों ने कडी मेहनत से 12 घंटे में सफल  लिवर ट्रांसप्लांट कर बच्ची को नया जीवन दिया है।

संरक्षिका नाम की बच्ची को लखनऊ के कई प्रतिष्ठित हॉस्पिटलों में ट्रांसप्लांट करने के लिए मना कर दिया गया था । परिजन बेहद परेशान थे बच्ची के स्वस्थ होने की उम्मीद ही खो चुके थे। इसके बाद परिजनों को किसी ने मेदांता हॉस्पिटल की राय दी और कहा कि वहाँ आपकी बच्ची का सफल इलाज हो सकता है। परिजनों ने इस सलाह को मानते हुए बच्ची को मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों की टीम ने 12 घंटे की कड़ी मेहनत के साथ संरक्षिका का लिवर ट्रांसप्लांट कर नया जीवन दिया, और आज यह बच्ची पूरी तरीके से स्वस्थ है।

विशेषज्ञों की टीम में से इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर ट्रांसप्लांटेशन एंड रीजेनरेटिव मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. ए.एस. सोइन, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर ट्रांसप्लांटेशन एंड रीजेनरेटिव मेडिसिन के निर्देशक डॉ. अमित नाथ रस्तोगी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी इंस्टीट्यूट ऑफ डाइजेस्टिव एंड हेपेटोबिलरी साइंसेज के निदेशक डॉ. अभय वर्मा, सीनियर कंसलटेंट लिवर ट्रांसप्लांट एंड हेपेटोबिलरी सर्जरी डॉ विवेक गुप्ता ने मिल कर इस कार्य को पूरा किया।