मीजल्स-रूबेला से बचाव को चलेगा विशेष टीकाकरण अभियान



  • शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को लगेगा टीका
  • तीन चरण में चलेगा अभियान

बाराबंकी । मीजल्स - रूबेला से बचाव के लिए टीकाकरण बेहतर उपाय है।  इसके लिए जनपद में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के अंतर्गत जनवरी, फरवरी और मार्च में तीन चरणों में पांच वर्ष तक के बच्चों को मीजल्स रूबेला (एमआर) के दो टीके लगाए जाएंगे। प्रथम चरण में विशेष टीकाकरण पखवाड़ा के तहत 9 से 20 जनवरी तक शून्य से 5 वर्ष तक के बच्चों को टीके लगाए जाएंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. अवधेश कुमार यादव ने बताया कि शासन के निर्देश पर नौ से 20 जनवरी  तक विशेष टीकाकरण अभियान का प्रथम चक्र चलेगा। द्वितीय चक्र 13 से 24 फरवरी और तृतीय चक्र 13 से 24 मार्च तक चलेगा ।  अभियान से पहले आशा कार्यकर्ता व एएनएम घर-घर जाकर सर्वे के बाद एमआर वैक्सीन से वंचित पांच वर्ष तक के बच्चों की ड्यू  लिस्ट तैयार करेंगी। ब्लॉक स्तर पर आशा-एएनएम को सर्वे के लिए प्रशिक्षण दिया  जा चुका है।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ राजीव सिंह ने बताया कि प्रत्येक ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में पाँच वर्ष से कम आयु वर्ग के बच्चों का निर्धारित प्रारूप पर हेड काउंट सर्वे करते हुए आशा कार्यकर्तसूचनाओं को ई कवच पोर्टल पर अपडेट करेंगी । उन्होने बताया खसरा से बचाव के लिए मीजल्स-रूबेला (एमआर) विशेष टीकाकरण अभियान मिशन इंद्रधनुष की तर्ज पर चलेगा। उन्होंने बताया कि 19 से 24 दिसंबर तक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), एएनएम और ब्लॉक स्तरीय पर्यवेक्षक सर्वे का वैलीडेशन करेंगे। पूरा आंकड़ा  ई-कवच पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। विशेष टीकाकरण अभियान के लिए राज्य स्तर पर प्रतिरक्षण अधिकारियों की बैठक होगी। इस बैठक में विशेष अभियान की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। जनवरी के पहले सप्ताह में ब्लॉक व जनपद स्तर पर टास्क फोर्स एवं अंतर्विभागीय बैठक होगी।

सर्वे में घरों पर बनाये जायेंगे निशान : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि सर्वे किये गये घरों पर हाउस मार्किंग की जायेगी। हर घर पर मकान  संख्या / सर्वे की तिथि अंकित की जायेगी, जिससे पर्यवेक्षण एवं मानिटरिंग में आसानी हो । इसके पश्चात आशा कार्यकर्ता द्वारा समस्त शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों एवं उनके परिवारों की सर्वे सूचनाओं को ई-कवच पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा |

तैयार किया जाएगा माइक्रो प्लान : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया  कि दूर-दराज वाले क्षेत्र, असेवित क्षेत्र, हाई रिस्क एरिया, कम कवरेज वाले क्षेत्र, माइग्रेटरी, मलिन बस्तियों के लाभार्थी जो नियमित टीकाकरण के नियोजित सत्र पर टीकाकरण कराने नही आते हैं, को विशेष टीकाकरण अभियान के माइक्रोप्लान में शामिल कर लक्षित लाभार्थियों का टीकाकरण सुनिश्चित किया जाएगा। ऐसे ग्राम / सत्र स्थल / उपकेन्द्र, जहाँ हेड काउंट सर्वे उपरान्त टीकाकरण से छूटे बच्चों की संख्या अधिक है, वहां पर अतिरिक्त सत्र आयोजित किये जा सकते हैं एवं उन्हें विशेष टीकाकरण अभियान के माइक्रोप्लान में शामिल किया जा सकता है।