बाल स्वास्थ्य पोषण माह शुरू



  • 4.02 लाख बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाने का लक्ष्य
  • मां काशीराम जिला चिकित्सालय से शुरू हुआ बाल स्वास्थ्य पोषण माह

कानपुर नगर - सभी स्वास्थ्य केंद्रों, आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में नौ माह से पांच साल तक बच्चों को विटामिन ए की खुराक देकर बुधवार से बाल स्वास्थ्य पोषण माह की शुरुआत हुई । मां काशीराम जिला चिकित्सालय एंड ट्रॉमा सेण्टर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने फीता काटकर अभियान का शुभारंभ किया। उन्होंने यहां बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई। उन्होंने बताया की एक माह तक चलने वाले इस अभियान में नौ माह से लेकर पांच साल तक के करीब 4 लाख दो हज़ार 39 शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को विटामिन ए की खुराक पिलाई जाएगी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि नौ माह से पांच साल तक के बच्चों के लिए विटामिन ए की खुराक बेहद आवश्यक है, इसकी कमी के कारण बच्चों में रतौंधी होने का खतरा बना रहता है। उन्होंने कार्यक्रम में आईं माताओं और गर्भवती महिलाओं से बच्चों को विटामिन ए और आयोडीन नमक का सेवन कराने को कहा।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एके कन्नौजिया ने बताया कि अभियान के दौरान नौ से 12 माह के 46722 , एक से दो साल के 88032 , दो से पांच साल के 267289 बच्चों को विटामिन ए की दवा पिलाई जानी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक सप्ताह बुधवार और शनिवार को अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान नौ से बारह माह तक के बच्चों को आधी चम्मच यानी एक एमएल, एक से पांच साल तक के बच्चों को दो एमएल दवा दी जानी है।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला कार्यक्रम प्रबंधक , सहयोगी संस्था यूनिसेफ और यूएनडीपी के प्रतिनिधि सहित  बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं मौजूद रहे।

बाल मृत्यु दर में आएगी कमी : उप जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ जसबीर सिंह ने बताया कि विटामिन ए एक घुलनशील विटामिन है। जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह सूक्ष्म पोषक तत्व कुपोषण से बचाता है। प्रदेश में लगभग 60 फीसदी बच्चों में विटामिन ए की कमी होने का खतरा होता है, जो बच्चों में बीमारी और मृत्युदर की संभावनाओं को बढ़ाता है। विटामिन ए पिलाए जाने से सभी कारणों से मृत्यु में 23 प्रतिशत की कमी, खसरे के कारण होने वाली मृत्यु में 50 फीसद की कमी, अतिसार रोग के कारण होने वाली मौतों में 33 फीसद की कमी आएगी। आंखों के लिए लाभदायक होता है। स्किन के लिए भी एक वरदान की तरह है। विटामिन ए से सेल्स को बढ़ने में सहायता मिलती है।