चिकित्सक की सलाह पर ही करें काढ़ा का सेवन - सही मात्रा में ही करें सेवन नहीं तो हो सकती है दिक्कत



  • मौसम के मुताबिक़ ही दी जाती है सेवन की सलाह

लखनऊ,  19  सितम्बर 2020 - गोमती नगर निवासी किरण (बदला हुआ नाम ) बताती हैं - जब से उन्होंने खबरों में पढ़ा कि कोरोना से बचाव के लिए  काढ़ा पीना चाहिए तब से इसका सेवन शुरू किया | मैं दिन में 3-4 बार सेवन करती थी | फिर अचानक एक दिन  पेट में जलन शुरू हो गयी और  उल्टी  भी हुई,  डाक्टर को दिखाने के बाद उन्होंने बताया- कि काढ़े का  अधिक मात्रा में  सेवन करने से ऐसा हुआ है |

राजकीय आयुर्वेदिक संस्थान और अस्पताल के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डा. मन्दीप जायसवाल बताते हैं - कोरोना से बचाव के लिए  लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए काढ़े का सेवन कर रहे हैं | उचित चिकित्सकीय सलाह के उपरांत ही उपयुक्त काढ़े के सेवन की सलाह दी जाती है |  डा.जायसवाल बताते हैं- काढ़े का सेवन सामान्य तौर पर दिन में दो बार से ज्यादा नहीं करना चाहिए और एक उचित निर्दिष्ट मात्रा में ही करना चाहिए | आजकल सोशल मीडिया में अलग-अलग तरह के काढ़े का सेवन करने की सलाह दी जा रही है | आयुर्वेद में काढ़े का सेवन करने की सलाह शरीर के बाहरी और अन्दुरुनी तापमान को देखकर ही दी जाती है | अलग –अलग मौसम में अलग –अलग तत्वों का उपयोग भिन्न-भिन्न  मात्रा में किया जाता है | सर्दी के मौसम में अलग और गर्मी के मौसम में अलग | इसलिए अप्रैल  से लेकर अभी तक काढ़े में प्रयोग होने वाले तत्वों में बदलाव हुआ है | ऐसे तत्व जिनकी तासीर गर्म होती है उन्हें गर्मी में कम से कम उपयोग करने की सलाह दी जाती है | ऐसा ही ठंडी तासीर वाले तत्वों के साथ होता है |

ऐसे मरीज जिन्हें एसिडिटी या पेट में दर्द की दिक्कत आम तौर पर होती है उन्हें विशेष सावधानी के साथ ही काढ़े का सेवन करना चाहिए | काढ़े के सेवन से अगर कोई दिक्कत आती है तो प्रशिक्षित चिकित्सक को दिखाना चाहिए | स्वयं ही चिकित्सा न करें, इससे कोई अन्य समस्या पैदा हो सकती है |

डा.मन्दीप  के अनुसार - बेहतर होगा कि किसी प्रशिक्षित  वैद्य/चिकित्सक की सलाह लेने के उपरांत ही क्वाथ अथवा किसी औषधि का सेवन करना चाहिए । प्रत्येक व्यक्ति के प्रकृति, वय, काल, आदि के अनुरूप ही औषधि का प्रयोग निर्दिष्ट किया जाता है। एक व्यक्ति के लिए  जो औषधि उपयुक्त  हो वह  जरूरी नहीं कि दूसरे के लिए भी उसी प्रकार उपयोगी रहे।

डा.मन्दीप के अनुसार- आयुष विभाग द्वारा विभिन्न औषधि निर्माणशाला को उनकी गुणवत्ता के आधार पर जीएमपी ( गुड मेंयुफेक्चेरिंग प्रेक्टिस) एवं आयुष प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता  है, आयुष विभाग द्वारा प्रमाणित अथवा वैद्य/चिकिसक की सलाह के अनुसार ही ब्रांड का चयन करें |

डा.मन्दीप बताते हैं – सरकार द्वारा आयुष कवच एप, आयुष विभाग के विशेष सचिव एवं आयुष मिशन उत्तर प्रदेश के निदेशक डॉ. राजकमल यादव  की प्रेरणा एवं देखरेख में शुरू किया गया है | यह एक बेहतरीन सुविधा है जिसके द्वारा टेलीमेडिसिन सलाह के लिए आयुष टेलीकवच सुविधा भी प्रदान कर रही है जिसके द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य ही नहीं बल्कि राज्य से बाहर के भी मरीज अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के लिए आयुष चिकित्सकों से बात कर लाभ प्राप्त कर रहे हैं।