लखनऊ 10 अक्टूबर 2020 - लोगों का गिरता मानसिक स्वास्थ्य गंभीर चिंता का विषय है और यदि समय रहते दुरुस्त न किया गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी इसके लिए जनमानस में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन करना एवं चिकित्सा की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है क्योंकि अभी मानसिक स्वास्थ्य उपेक्षा का शिकार है । यह विचार आज यहां केन्द्रीय होम्योपैथी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ अनुरूद्व वर्मा ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर होम्योपैथिक साइंस काँग्रेस सोसाइटी के तत्वाधान में लाइफ लाइन होम्यो क्लिनिक, अग्रवाल प्लाजा, सी ब्लॉक इंदिरा नगर में आयोजित परिचर्चा में व्यक्त किये ।
उन्होंने कहा कि देश का हर दसवां व्यक्ति किसी न किसी मानसिक बीमारी से ग्रसित है और लाखों लोग मानसिक बीमारी के कारण आत्महत्या तक कर रहें हैं । उन्होंने कहा कि कोविड 19 ने लोगों की मानसिक समस्याएं बढ़ा दी हैं।उन्होंने लोगों को झाड़ फूंक के बजाय मानसिक बीमारियों के उपचार की सलाह दी। होम्योपैथिक अनुसंधान संस्थान के पूर्व सहायक निदेशक डॉ जे पी सिंह ने कहा कि मानसिक बीमारियों के उपचार में होम्योपैथिक दवाइयाँ कारगर हैं ।
पूर्व जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉ ए एम सिंह ने कहा कि हमारी चिंता हमें तनाव देती है और लंबे समय का तनाव डिप्रेशन में बदल सकता है इसलिये तनाव से दूर रहना चाहिए । होम्योपैथिक चिकित्सापदधिकारी डॉ अवधेश द्विवेदी ने कहा कि नकारात्मक सोच को निकालकर सकारात्मक सोच अपना लेंगें तो मानसिक विमारियाँ नहीं होंगीं। डॉ पंकज श्रीवास्तव एवँ डॉ अरुण प्रकाश ने कहा कि मासिक बीमारी का असर काम करने की क्षमता पर पड़ता है।डॉ नीशान्त श्रीवास्तव ने कहा कि मानसिक बीमारियों के प्रति जागरूकता उत्पन कर इनको रोका जा सकता है । परिचर्चा को डॉ यू बी त्रिपाठी, डॉ सुनील वर्मा,, डॉ सन्तोष सिंह आदि ने संबोधित किया।