बाराबंकी - कायाकल्प पुरस्कार के लिए रफी अहमद किदवई जिला अस्पताल व महिला अस्पताल की सुविधाओं की जांच केंद्र सरकार की तीन सदस्यीय टीम ने अलग अलग तिथियों में थी। पिछले शनिवार को कायाकल्प पुरस्कार के परिणाम घोषित हुए। जिसमें दोनो अस्पताल विजेता रहे।
पांचवी बार जिला अस्पताल बना विजेता : जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. बृजेश कुमार ने बताया कि कायाकल्प पुरस्कार के आए परिणाम में जिला अस्पताल को 86.64 प्रतिशत अंक मिले। पुरस्कार के लिए 75 प्रतिशत अंक पाना जरूरी था। सरकार द्वारा जिला अस्पताल को 3.27 लाख रुपये पुरस्कार राशि मिलेगी।
जिला महिला अस्पताल ने लगाई हैट्रिक : जिला महिला अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि कायाकल्प पुरस्कार में महिला अस्पताल ने हैट्रिक लगाई है। अस्पताल में जांच को आई टीम ने 100 शैय्या युक्त मैटरनिटी विंग, पैथोलॉजी, अल्ट्रासाउंड कक्ष, एसएनसीयू वार्ड की सुविधाओं की जांच की थी। जिसका परिणाम आने पर जिला महिला अस्पताल को 82.27 प्रतिशत अंक मिले। सरकार द्वारा अस्पताल को प्रशस्ति पत्र व पुरस्कार राशि के तौर पर 3.27 लाख रुपये दिए जाएंगे।
वहीं सीएचसी बड़ागांव को पहले तीन बार कायाकल्प पुरस्कार मिल चुका है। इस बार सीएचसी ने राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार इंक्वास अपने नाम किया। अपर सचिव एवं मिशन निदेशक एनएचएम रोली सिंह ने शनिवार को प्रदेश के उन सीएचसी की सूची जारी की जिन्हें इंक्वास की घोषणा की।
क्या है कायाकल्प : जिला क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ. विनय कुमार मौर्या का कहना है कि सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वच्छता एवं अच्छी प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत सरकार ने यह महत्वाकांक्षी योजना 15 मई 2015 को आरंभ की थी। इसके तहत एक निर्धारित चेक लिस्ट के आधार पर स्वास्थ्य केन्द्रों का तीन चरणों में असेस्मेंट किया जाता है। तीनों चरणों में 70 प्रतिशत से अधिक अंक अर्जित करने वाली चिकित्सा इकाइयों को राष्ट्रीय (भारत सरकार)/राज्य स्तर से सम्मानित कर प्रशस्ति पत्र एवं अवार्ड धनराशि प्रदान की जाती है। योजना के मुताबिक राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले जिला स्तरीय चिकित्सालयों को 50 लाख रुपये, द्वितीय को 20 लाख रुपये एवं तृतीय को 10 लाख रुपये और जो चिकित्सालय 70 प्रतिशत से अधिक अंक पाते हैं उन्हे तीन लाख रूपय दिये जाते हैं।
इन चरणों के माध्यम से आठ बिन्दुओं जैसे : अस्पताल का रखरखाव, साफ-सफाई, बायो मेडिकल निस्तारण, ईको फ्रेंडली, इन्फेक्शन कंट्रोल, सहयोगी सेवाएं एवं स्वच्छता को बढ़ावा देने आदि मुद्दों पर स्वास्थ्य केंद्र का मूल्यांकन किया जाता है जिसमे आंतरिक मूल्यांकन का निरीक्षण स्थानीय टीम द्वारा, सहकर्मी मूल्यांकन का निरीक्षण मण्डल स्तरीय टीम द्वारा व अंतिम मूल्यांकन राज्यस्तरीय टीम के द्वारा किया जाता है।