लखनऊ , 30 मई 2020 - विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर "दि यूनियन साउथ ईस्ट एशिआ क्षेत्रीय कार्यालय, नयी दिल्ली के उप निदेशक राणा जे सिंह ने पत्र लिख कर तम्बाकू नियंत्रण के दिशा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा तम्बाकू नियंत्रण के लिए किये गए कार्यों की सराहना की है, उन्होंने कहा है कि सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण कारिक्रम को प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सुचारू रूप से चलाने के साथ - साथ प्रदेश में हुक्का बार पर प्रतिबन्ध लगाने, सार्वजानिक स्थानों को तम्बाकू मुक्त घोषित करने, यलो लाइन कम्पैग्न, ई-सिगरेट को प्रतिबंधित करने, खुली सिगरेट की बिक्री को प्रतिबंधित करने, फ्रेमवर्क कन्वेंसन ऑन तंबाकू कंट्रोल के आर्टिकल 5.3 की नीति लागू करने; तम्बाकू विक्रेताओं हेतु वेंडर लाइसेंसिंग प्रक्रिया को लागू करने तथा पान आदि का सेवन कर सार्वजानिक स्थानों पर थूकने पर प्रतिबन्ध लागने जैसे बड़े निर्णय लिए हैं I जैसा की हम जानते हैं कि तम्बाकू कम्पनियाँ युवाओं को सिगरेट व् नए तरह के उत्पादों से निशाना बनाने की कोशिश करती हैं ऐसी स्थिति यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अधिक सतर्क रहें और युवाओं को तम्बाकू उद्योग के जोड़तोड़ से बचाने के लिए मिलकर काम करें I दि यूनियन ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों में ई-सिगरेट और हीटेड तम्बाकू उत्पादों (HTP) की बिक्री पर रोक लगाने की जोरदार वकालत की है जो दुनिया के 80 प्रतिशत से अधिक धूम्रपान करने वालों के लिए घर हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पूर्व संध्या पर "दि यूनियन" ने हाल ही में अपना पत्र जारी किया है जहां ई-सिगरेट प्रतिबंध सबसे अच्छे हैं:- मध्यम आय वाले देशों को ई-सिगरेट और गर्म तंबाकू उत्पाद की बिक्री को वास्तव में तंबाकू से निपटने के लिए प्रतिबंधित करना चाहिए I उन्होंने ई-सिगरेट प्रतिबंध को लागू करने और राज्य में एनटीसीपी के कार्यान्वयन को मजबूत करने के लिए दि यूनियन की तरफ से सरकार के की टीम के साथ काम करने में खुशी जाहिर की है I
उत्तर प्रदेश वोलंटरी हेल्थ एसोशिएसन के अधिशासी निदेशक विवेक अवस्थी के अनुसार- इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट और अन्य नई तकनीकें जो निकोटीन वितरित करती हैं, उतनी ही खतरनाक हैं और उनके बारे में कुछ भी सुरक्षित नहीं है। युवाओं को एक शातिर उद्योग द्वारा गुमराह किया जा रहा है जो चाहते हैं कि बच्चों और युवाओं को जीवन के लिए निकोटीन की लत लग जाए। इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट पर प्रतिबंध है, फिर भी भारत भर में वेबसाइटों और विक्रेताओं के माध्यम से अवैध बिक्री होती है। हम केंद्रीय राज्य और सरकारों से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पिछले साल सितंबर 2019 में घोषित प्रतिबंध आदेश को मजबूती से लागू करने का आग्रह करते हैं ।