एचआईवी संक्रमित महिला भी बन सकती है माँ : सीएमओ



  • विश्व एड्स दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा- गर्भस्थ शिशु को बचाया जा सकता है संक्रमण से
  • स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से एचआईवी संक्रमित माताओं को प्रदान किया राशन किट

लखनऊ, 1 दिसम्बर | एचआईवी संक्रमित महिला भी मां बन सकती है । गर्भस्थ शिशु को संक्रमण से बचाया जा सकता है | यह बातें  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. संजय भटनागर ने मंगलवार को  मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में आयोजित प्लान इंडिया, ममता हेल्थ इंस्टीट्यूट फॉर मदर एंड चाइल्ड व “गिव इंडिया” के सुरक्षा प्रोजेक्ट के तहत विश्व एड्स दिवस पर आयोजित एचआईवी संक्रमित माताओं के राशन किट वितरण कार्यक्रम के दौरान कहीं |

डॉ. भटनागर ने कहा- हर वर्ष एक दिसम्बर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है | इस वर्ष इस दिवस की थीम रखी गयी है –“वैश्विक एकजुटता साझा जिम्मेदारी |  इस दिवस को आयोजित करने का उद्देश्य एचआईवी के प्रति विश्व को एकजुट करना है | साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी  ने वहां उपस्थित महिलाओं को कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मास्क जरूर लगायें, भीड़भाड़ वाले जगह पर दो गज की दूरी बनाये रखें और बार –बार साबुन और पानी से हाथ धोते रहें | जहां तक संभव हो घर से न निकलें | जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती तब तक सावधानी बरतें और जो भी दवाएं आपको एआरटी (एंटी रिट्रोवायरल थिरेपी) द्वारा दी जा रहीं हैं उनका नियमित रूप से सेवन करें | पौष्टिक आहार का सेवन करें यह आपके शरीर की रोगों से लड़ने की  प्रतिरोधक क्षमता को  बढ़ाता है |

इस अवसर पर प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.  अजय राजा ने  कहा-  स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से जिले में कई एचआईवी संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराया गया है । संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव होना इसलिए संभव हुआ क्योंकि सभी गर्भवती ने बच्चे के जन्म से पहले अपना एचआईवी टेस्ट कराया था। एचआईवी टेस्ट में एचआईवी की पुष्टि होते ही पीड़ित गर्भवती का इलाज शुरू कर दिया गया । इस इलाज से गर्भ में पल रहे बच्चे पर बीमारी का असर नहीं पड़ा।

ममता संस्था के कार्यक्रम अधिकारी अदब  हुसैन ने कहा  -  एड्स जैसी गम्भीर बीमारी से बचाव केवल जागरूकता ही है। इसके लिए जरूरी है कि हम शारीरिक संबंध बनाते व खून देते व लेते समय विशेष सावधानी बरतें। उन्होने बताया कि एचाआईवी संक्रमित व्यक्तियों से भेदभाव करना अपराध है। यह बीमारी छूने से नहीं फैलती, इसलिए हमें इस तरह के लोगों से सामान्य व्यवहार करना चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान 14 एचआईवी संक्रमित महिलाओं को संस्था के द्वारा राशन किट एवं सुरक्षा किट भी वितरित किया गया। राशन किट में 05 किलो चावल, 15 किलो आटा, 03 किलो दाल, 02 किलो तेल, 02 किलो नमक, 02 किलो चीनी, दो पैकेट बिस्कुट, चायपत्ती,  माचिस तथा सुरक्षा किट में  05 मास्क, 02 हैंडवाश, 01 पैकेट सेनेटरी पैड व 03 पैकेट कण्डोम शामिल रहा। इन महिलाओं का संस्थागत प्रसव अक्टूबर 2019 से अगस्त 2020 के बीच सरकारी अस्पतालों में करवाया गया । इस अवसर पर जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के.चौधरी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अभिलाषा मिश्रा , उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के.डी. मिश्रा, जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी योगेश रघुवंशी, आहना प्रोजेक्ट के निदेशक डा. काजी  नजमुद्दीन, अपर निदेशक शुभ्रा त्रिवेदी और फील्ड अधिकारी आर्या अग्रवाल मौजूद रहे ।

गोष्टी का आयोजन -
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) काकोरी पर विश्व एड्स दिवस पर गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें सभी फील्ड स्टाफ तथा सीएचसी स्टाफ द्वारा प्रतिभाग किया गया | इस अवसर पर अधीक्षक डा. यू.एस.लाल द्वारा एचआईवी/एड्स पर जानकारी दी गयी एवं बताया गया- अब प्रत्येक टीकाकरण सत्र पर एएनएम द्वारा प्रत्येक गर्भवती का परीक्षण किया जा रहा है एवं गोपनीयता बरतते हुए जागरूक भी किया जा रहा है | कार्यक्रम में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी शशि भूषण भारती तथा ब्लाक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) प्रद्युम्न कुमार मौर्या मौजूद थे |