विश्व कैंसर दिवस (4 फरवरी ) पर विशेष - कैंसर से जुड़ी भ्रांतियों व तथ्यों को जाने



लखनऊ, 3 फरवरी 2021 - कैंसर के बारे में लोगों के मन में अनेक भ्रांतियां  हैं | इन भ्रांतियों से सम्बंधित तथ्य नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कैंसर प्रिवेंशन एंड रिसर्च ने अपने वेबसाईट पर दिए हैं |

इसके अनुसार-
भ्रान्ति : कैंसर एक संक्रामक बीमारी है |
तथ्य : कैंसर संक्रामक बीमारी नहीं हैं |  कुछ कैंसर बैक्टीरिया और  वायरस जनित  होते हैं जैसे सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमावायरस, लिवर कारक कैंसर हिपेटाइटिस बी और सी |

भ्रान्ति: अगर व्यक्ति के परिवार  में किसी को कैंसर नहीं है या पहले किसी को नहीं हुआ  तो उसको भी कैंसर नहीं होगा |
तथ्य : यह जरूरी नहीं है | केवल 5 से 10 फीसद कैंसर आनुवंशिक होते है जबकि कुछ कैंसर व्यक्ति  के पूरे जीवन में जेनेटिक परिवर्तनों के कारण होते हैं और कुछ पर्यावरण के कारण जैसे रेडियेशन और खाने की आदतों जैसे तम्बाकू का सेवन से होते हैं  |  

भ्रान्ति : परिवार में किसी को कैंसर हुआ है तो आपको कैंसर अवश्य होगा |
तथ्य : परिवार में कैंसर होना उसके सदस्यों  में  कैंसर को विकसित करने की सम्भावना को बढ़ा देता है | केवल  5 से 10 फीसद कैंसर जींस में हानिकारक म्यूटेशन के कारण होते हैं जो व्यक्ति को उसके पूर्वजों से मिलते हैं |

भ्रान्ति : सकारात्मक विचार रखने से कैंसर से आप बच  जायेंगे |
तथ्य : सकारात्मक विचार आपके जीवन की गुणवत्ता  को तो बढ़ा सकतेहैं लेकिन इसका ऐसा को वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जिससे यह पता चले की इससे कैंसर का उपचार  होता है |

भ्रान्ति : यदि व्यक्ति को कैंसर हुआ है तो उसकी मृत्यु शीघ्र हो जाएगी  |
तथ्य : ऐसा नहीं है|यदि प्रारम्भिक स्टेज में कैंसर की पहचान हो जाती है तो बचाव की दर बढ़ जाती है | वास्तव में बहुत से लोग 5 साल या उससे भी अधिक वर्ष तक जीवित रहते हैं जिनमें कैंसर की पहचान जल्दी हो जाती है |

भ्रान्ति : बुज़ुर्ग लोगों के लिए कैंसर का इलाज उपयुक्त नहीं है |
तथ्य : ऐसा नहीं है वास्तविकता यह है कि कैंसर के इलाज की कोई आयु सीमा नहीं  है |

भ्रान्ति :सेल फोन और सेल फोन के टावर्स कैंसर फैलाते हैं  |  
तथ्य : यह भी विवादित  है कि सेल फोन के टावर्स से निकालने वाले रेडीऐशन से कैंसर होता  हैं | कैंसर जींस में म्यूटेशन के कारण  होता है| सेल फोन्स से लो फ्रीक्वेंसी ऊर्जा की किरणें निकलती हैं जो कैंसर का कारण नहीं हैं |

भ्रान्ति :हर्बल उत्पादों से कैंसर का  इलाज होता है |
तथ्य : कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी के साइड  इफ्केट्स में हर्बल उत्पादों के उपयोग की सलाह दी जाती है लेकिन ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जिसमें कैंसर के इलाज में हर्बल उत्पाद का उपयोग होता है  |

भ्रान्ति : हेयर डाई और एंटीपर्सपिरेंट्स से कैंसर हो सकता है |
तथ्य : ऐसे कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है जिनसे यह ज्ञात हो कि उपरोक्त पदार्थ कैंसर के विकास में खतरा हैं |

भ्रान्ति : कृत्रिम स्वीटनर, फ्लेवर्स, खाने में डाले जाने वाले रंग वाले पदार्थ  के उपयोग से कैंसर हो सकता है |
तथ्य : शोधों से ऐसे कुछ परिणाम सामने नहीं आये हैं जिनसे यह पता चले कि उपरोक्त पदार्थों से कैंसर हो सकता है |

भ्रान्ति : कैंसर दर्द देता  है |
तथ्य : अगर कैंसर के बारे में प्रारम्भ में ही पता चला जाता है तो यह कष्टदायी नहीं होता है | अधिकांश केसों में कैंसर सम्बंधित दर्द का इलाज दवाओं और दर्द प्रबंधन विधियों से किया जाता है |

भ्रान्ति : कैंसर से ठीक हुए लोग सामान्य गतिविधियों में प्रतिभाग नहीं कर सकते हैं |
तथ्य : कैंसर के रोगियों को कुछ समय के लिए ही अस्पताल में रहना पड़ता है |  वह अपने सभी कार्यों को कर सकते हैं, यहाँ तक कि  इलाज के दौरान भी वह अपने सामान्य गतिविधियों को कर सकते हैं |