बुखार के मरीजों और कुपोषित बच्चों की भी तैयार की जायेगी सूची
लखनऊ, 25 फरवरी 2021 - प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के देश को वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त करने के संकल्प को पूरा करने के लिए भरसक प्रयास किये जा रहे हैं | इसी क्रम में 10 मार्च से शुरू हो रहे दस्तक अभियान के तहत घर-घर बुखार के रोगियों के साथ टीबी के मरीज भी ढूंढे जाएंगे - यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डा. ए.के.चौधरी ने दी | उन्होंने बताया- यह पहली बार है जब आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ घर - घर जाकर बुखार के रोगियों, टीबी के रोगियों, कुपोषित बच्चों, दिमागी बुखार से दिव्यांग हुए व्यक्तियों और जन्म और मृत्यु पंजीकरण से वंचित लोगों की सूची बनायेंगी |
डा. चौधरी ने बताया- देश से टीबी को वर्ष 2025 तक हम तभी समाप्त कर पायेंगे जब टीबी के रोगियों को ढूंढ पायें और उनका पूरा इलाज सुनिश्चित करा पायें | अभी तक एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान के माध्यम से हम यह काम करते थे जो साल में दो बार चलाया जाता है, यह अभियान जनपद की केवल 10 फीसद जनसँख्या को कवर करता है | दस्तक अभियान में 100 फीसद आबादी कवर होते हुए क्षय रोगी चिन्हित हो सकेंगे | यह कार्यक्रम के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि होगी | हम दृढ़ता से कह सकेंगे कि कोविड के कारण जो रोगी कार्यक्रम से नहीं जुड़ पाए वह सभी कार्यक्रम से जुड़ पायेंगे |
दस्तक अभियान वर्ष 2017 से चलाया जा रहा है लेकिन यह पहली बार हुआ है जब दस्तक अभियान में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से घर-घर जाकर टीबी के संभावित रोगियों की पहचान होगी | इस अभियान के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा टीबी के रोगियों की पहचान हो पायेगी |
सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाईजर अभय चन्द्र मित्रा ने बताया- आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर - घर जाकर लोगों से बुखार सहित टीबी के लक्षणों के बारे में पूछेंगी | संभावित रोगियों की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना एएनएम के माध्यम से ब्लाक तथा राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के स्टाफ को देंगी | तत्पश्चात ऐसे लोगों की टीबी की जाँच कराई जाएगी और क्षयरोग चिन्हित होने पर पर उनका निःशुल्क इलाज शुरू किया जायेगा |
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया- जिले में वर्ष 2017 में 13,425 , 2018 में 18,853, 2019 में 24,830 और 2020 में 17,321 क्षय रोग के मरीज थे | वर्ष 2021 में क्षय रोग के कुल 2907 मरीज खोजे गए हैं |