दो दिन में 239 लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनवा नविता ने पेश की मिसाल



  • सरकारी व सम्बद्ध निजी अस्पतालों में योजना के तहत पांच लाख तक का मुफ्त इलाज

लखनऊ, 26 मार्च 2021 - “मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए” जी, हाँ ! यह करके दिखाया है मलिहाबाद ब्लाक के पूर्वा आंगनबाड़ी  केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नविता ने | प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) और मुख्यमंत्री जन आरोग्य आभियान के पात्र लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जहाँ हर जोर आजमाइश की जा रही है वहीँ नविता ने दो दिन में ही 239 लाभार्थियों के कार्ड बनवाकर एक मिसाल पेश की है |

नविता को विभाग द्वारा आयुष्मान कार्ड पखवाड़ा के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए लाभार्थियों को प्रेरित कर कैंप तक लाने का जिम्मा सौंपा गया था | जब उनसे यह पूछा गया कि उनके  क्षेत्र में कितने विलेज लेवल इंटरप्रेन्योर (वीएलई) को कार्ड बनाने के लिए भेजा जाए तो  उन्होंने कहा वह 100 से अधिक कार्ड अकेले  बनवा सकती हैं | इस पर आश्चर्य जताते हुए अधिकारियों ने कह- इतने कार्ड बनवा लेंगी तो मैनें कहा- जी, हाँ ! मैं  बनवा लूंगी |  इस हामी के बाद ठान लिया कि अब तो इसे साबित करके दिखाना है |

इसके बाद क्षेत्रीय  लोगों से मिली और  बताया कि वह आयुष्मान कार्ड  अवश्य बनवाएं क्योंकि यह उनके लिए जीवनरक्षक के समान  है | पहले तो कुछ लोगों ने मना किया, यहाँ तक कहा कि हम बीमार ही नहीं पड़ते तो हमें  कार्ड  की क्या जरूरत,  लेकिन उन्हें समझाया कि कोई भी बीमारी पूछकर नहीं आती |  पूरे विश्वास के साथ  लोगों से बात जारी रखी और कहा कि यदि आपको या आपके घर में कोई बीमार पड़ गया तो जाँच और इलाज में बहुत रूपये खर्च होंगे | हो सकता है आप मुझसे या किसी और से रूपये उधार भी लेंगे | फिर उधार कैसे चुकाएंगे और अगर आयुष्मान कार्ड बनवा लेंगे तो बीमारी के समय शहर के बड़े अस्पताल में पांच  लाख रूपये तक का इलाज निःशुल्क हो जाएगा | पहले तो कार्ड बनवाने के 30 रूपये देने पड़ते थे अब तो कार्ड  निःशुल्क बन रहा है, केवल आपको अपने पहचान पत्र के साथ  कैंप तक चलकर जाना है  | अब आप पर निर्भर करता है कि आप कार्ड बनवाकर योजना का लाभ उठाना चाहेंगे या नहीं  |  

 इसका उन पर असर हुआ | वह खुद  तो आये ही साथ में और लोगों को भी लेकर आये | कैंप के पहले दिन 19 मार्च को सुबह 11 बजे से शाम साढ़े सात   बजे तक 148 कार्ड बनाये गए और   दूसरे दिन सुबह 11  बजे से शाम साढ़े पांच  बजे तक 91  कार्ड बनाये गये | इस तरह दो दिनों में 239  कार्ड बने |

मलिहाबाद ब्लाक के ब्लाक कार्यक्रम   प्रबंधक (बीपीएम) पवन राठौर  ने बताया –  नविता ने बेहतरीन काम किया है | आज तक हमारे ब्लाक में एक दिन में कभी भी 148 कार्ड नहीं बने थे  | हमें ऐसे ही लोगों की जरूरत है जो समुदाय में लोगों को प्रेरित करें | उनका यह सराहनीय काम है |

जिला कार्यक्रम अधिकारी अखिलेन्द्र दुबे ने बताया- नविता ने बहुत ही अच्छा काम किया है | उन्होंने एक मिसाल कायम की है और अन्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को इससे सीख लेनी चाहिए | उनका समुदाय के साथ में जो सम्बन्ध है, यह उसका ही परिणाम है |