मंदिरों में अब एक समय में पांच से अधिक लोग नहीं पाएंगे प्रवेश



  • कोरोना से लोगों को सुरक्षित बनाने को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी  

लखनऊ, 12 अप्रैल 2021 - कोरोना संक्रमण तेजी से फ़ैल रहा है | इस सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र प्रसाद तिवारी ने सम्बंधित अधिकारियों को धार्मिक स्थलों के   सम्बन्ध में आवश्यक निर्देश जारी किये हैं |

दिशा निर्देशों के अनुसार – धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर हाथों को विसंक्रमित  करने के लिए एल्कोहोल युक्त सेनिटाइजर का उपयोग किया जाए एवं  इन्फ्रा रेड थर्मामीटर की यथासंभव व्यवस्था की जाये | एक बार में केवल पांच  लोगों को ही प्रवेश दिया जाए  | उन लोगों को ही धर्मस्थलों में प्रवेश की अनुमति होगी जिनमें कोरोना के कोई भी लक्षण नहीं प्रदर्शित होंगे | सभी प्रवेश करने वालों को फेस कवर /मास्क का प्रयोग करना होगा | धार्मिक स्थल परिसर में कोरोना से बचाव सम्बन्धी उपायों के प्रचार प्रसार के लिए पोस्टर /स्टैंडी  का प्रदर्शन जन जागरूकता हेतु  किया जाये | जहाँ तक संभव हो श्रद्धालु अपने जूते - चप्पलों को अपने वाहन में ही रखें यदि आवश्यक है तो इन्हें हर आदमी /परिवार स्वयं ही अलग-अलग खांचों / ब्लाक में रखेगा |  पब्लिक एड्रेस सिस्टम या माइक से सभी आने वालों को कोरोना से बचाव के बारे में जागरूक किया जायेगा | परिसर के बाहर पार्किंग स्थलों, दुकानों, कैफिटेरिया आदि पर पूरे समय छह  फीट  की शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन किया जाये | शारीरिक दूरी  को सुनिश्चित करने के लिए परिसर में व्यक्तियों के लाइन में खड़े होने के लिए 6 -6 फीट की दूरी पर साफ़ चिन्ह अंकित किये जाएँ | धर्म स्थल पर प्रवेश एवं निकासी की अलग अलग व्यवस्था की जाये |   बैठने के स्थानों को भी शारीरिक दूरी के अनुसार व्यवस्थित किया जाये | धर्मस्थलों पर क्रॉस वेंटिलेशन का इस तरह से इंतजान होना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा  ताज़ी हवा अन्दर आ सके | वेंटिलेशन/ एसी आदि के साधनों के प्रयोग के समय तापमान 24-30 डिग्री के मध्य होना चाहिए और आद्रता  की सीमा 40 से 70 फीसद के मध्य होनी चाहिए |

दिशा निर्देश में कहा गया है – सभी प्रकार की सभाएं निषिद्ध रहेंगी | प्रतिरूप/मूर्तियों/पवित्र ग्रंथों आदि को स्पर्श करने की अनुमति नहीं होगी | संक्रमण फैलने के खतरे के  दृष्टिगत रिकॉर्ड किये हुए भक्ति संगीत/गायन बचाए जा सकते हैं लेकिन समूह में एक साथ होकर गायन की अनुमति नहीं होगी | प्रार्थना सभा के लिए एक ही मैट /दरी का प्रयोग से बचा जाये | श्रद्धालुओं को अपने लिए अलग से मैट/दरी/चादर लानी चाहिए जिसे वह पाने साथ वापस  भी ले जा सकते हैं | धर्मस्थल के भीतर  किसी भी प्रसाद के वितरण अथवा पवित्र जल के छिड़काव की अनुमति नहीं होगी | शारीरिक दूरी का पालन करते हुए लंगर /सामुदायिक रसोई/अन्नदान के लिए भोजन तैयार किया जायेगा | परिसर के भीतर  शौचालयों, हाथ-पैर धोने के स्थानों पर स्वच्छता के लिए विशेष उपाय करने होंगे | धार्मिक स्थलों की लगातार सफाई और कीटाणु रहित करने के लिए प्रबंधन द्वारा विशेष उपाय करने होंगे | परिसर को विशेष रूप से कई बार साफ करना होगा | आने वाले लोग फेस कवर /मास्क/ ग्लव्स आदि को सार्वजानिक स्थल पर नहीं छोड़ेंगे यदि कोई ऐसी सामग्री रहती है तो उनका उचित निपटान सुनिश्चित करना होगा |

यदि परिसर में कोई संदिग्ध या उपचाराधीन मरीज का केस मिलने पर उसे ऐसे स्थान पर रखना है जिससे वह अन्य व्यक्तियों से बिल्कुल  अलग हो जाए | डाक्टर द्वारा उसकी जाँच /परीक्षण होने तक उसे फेस कवर /मास्क दिया जाये | तुरंत निकटतम अस्पताल क्लिनिक अथवा जिला स्वास्थ्य हेल्पलाइन न. 1800-180-5145 को सूचित किया जाए | नामित स्वास्थ्य  प्राधिकारी द्वारा मरीज और उसके संपर्क में आये व्यक्तियों के संक्रमण के जोखिमों का मूल्यांकन कर उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी | यदि व्यक्ति पॉजिटिव आया तो परिसर को पूर्ण रूप से कीटाणु रहित किया जायेगा |