- इण्डियन काॅलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलोजी, यू0पी0 चैप्टर ऑफ इण्डियन चेस्ट सोसाइटी तथा आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशल्टीज़ (आईएमएएएमएस) के तत्वाधान में हुआ एलर्जी संगोष्ठी का आयोजन
- गंभीर व अनियंत्रित अस्थमा के रोगियों को कोविड का खतरा ज्यादा : डा सूर्यकान्त
लखनऊ 17 अप्रैल 2021 -इण्डियन काॅलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलोजी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा सूर्यकान्त ने बताया कि एशिया पैसिफिक एसोसिएशन ऑफ एलर्जी अस्थमा एण्ड क्लीनिकल इम्यूनोलोजी के तहत एलर्जी सप्ताह (12-18 अप्रैल 2021) मनाया जा रहा है। इसी क्रम में रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू द्वारा एलर्जी पर राष्ट्रीय संगोष्ठी (वर्चुअल) का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी का उद्घाटन इण्डियन मेडिकल एसोसिएशन एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशल्टीज़ के राष्ट्रीय महासचिव डा संजीव सिंह यादव द्वारा किया गया।
डा संजीव सिंह यादव ने केजीएमयू के रेस्पाइरेटरी मेडिसिन विभाग के 75 वर्ष पूरे होने पर विभागाध्यक्ष डा0 सूर्यकान्त को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं तथा विभाग के प्लेटिनम जुबली समारोह वर्ष में 75 कार्यक्रम कराने के संकल्प की भी सराहना की। एलर्जी की इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए एशिया पैसिफिक एसोसिएशन ऑफ एलर्जी अस्थमा एण्ड क्लीनिकल इम्यूनोलोजी की अध्यक्ष व वर्ल्ड एलर्जी आर्गनाइजेषन की पूर्व अध्यक्ष जापान की डा रूबी पावनकर ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं ।
इस संगोष्ठी में कोविड वैक्सीनेशन के ब्रान्ड एम्बसेडर डा सूर्यकान्त ने कोविड काल में एलर्जी एवं अस्थमा रोगियों के लिए कोविड का खतरा एवं बचाव के बारे में विस्तृत जानकारी दी। डा सूर्यकान्त ने बताया कि गंभीर अस्थमा एवं अनियंत्रित अस्थमा के रोगियों को कोरोना होने का अधिक खतरा रहता है। अतः अस्थमा के सभी रोगी चिकित्सक के परामर्ष के अनुसार अपनी सभी इन्हेलर एवं अन्य चिकित्सा लेते रहे , जिससे उनका अस्थमा नियंत्रित रहे।
आई एमए एम एस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा सूर्यकान्त ने बताया कि कोरोना काल के दौरान एलर्जी टेस्टिंग, पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट, एलर्जी इम्यूनोथेरेपी न करवाएं इससे कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। कोरोना काल के दौरान एलर्जी एवं अस्थमा के रोगी डिजिटल माध्यम से चिकित्सकीय परामर्श लें तथा चिकित्सको के क्लीनिक व अस्पतालो मे जाने से बचें। सुबह शाम भाप लेते रहे, घर के अन्दर ही रहें। यदि घर/कार्यालय का फूमिगेशन हो रहा है तो एलर्जी व अस्थमा के रोगी इससे बचे क्योकि फूमिगशन में प्रयुक्त होने वाले रसायन एलर्जी व अस्थमा को बढ़ावा दे सकते है। गंभीर अस्थमा के रोगियो को ओमैलीजुमैब तथा अन्य बायोलोजिकल्स के इंजेक्शन लगाये जाते है, लेकिन कोरोना के दौरान इन इंजेक्शनों को न लगवाये।
इस वेविनार में इण्डियन काॅलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलोजी के अध्यक्ष डा एस एन गौर, महासचिव डा ए बी सिंह एवं इसकी कार्यकारिणी के अन्य सदस्य डा एम के अग्रवाल (दिल्ली), डा महेष गोयल (जयपुर), डा के नागाराजु (चेन्नई), डा पी ए महेश (मैसूर), डा पी सी कथूरियां (दिल्ली), डा वी केजैन (जयपुर) ने अपना व्याख्यान दिया। इस दौरान देश के अन्य एलर्जी के विषेषज्ञ जैसे डा प्रदुम्न शर्मा (जयपुर), डा सुधीर चैधरी (कानपुर), डा राजेन्द्र प्रसाद (लखनऊ), डा जी एल शर्मा (दिल्ली), डा नवीन अरोरा (दिल्ली), डा राजेश अग्रवाल (बरेली) ने भी अपने विचार रखे एवं लोगो को विभिन्न तरह की एलर्जी के बारे में अवगत कराया। इस अवसर पर विभाग के समस्त फैक्लटी मेम्बर डा संतोष कुमार, डा राजीव गर्ग, डा अजय कुमार वर्मा, डा आनंद श्रीवास्तव, डा दर्शन कुमार बजाज, डा अंकित कुमार, डा ज्योति बाजपेई, डा अंकिता, डा अंकित, डा नेहा, अनुज, श्रेया व अन्य रेजीडेन्ट डाक्टर्स एवं समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।