एकीकृत निक्षय दिवस के तहत खोजे गये क्षय रोगी



  • 11 में टीबी रोग की पुष्टि, तो 314 संभावित मरीजों की हुई जांच

बाराबंकी  - जिला अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों व हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर पर सोमवार को एकीकृत निक्षय दिवस का आयोजन हुआ। इस दौरान 129 टीबी के लक्षण वाले की जांच की गई, जिसमें 11 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। वहीं पुराने मरीजों का इलाज एवं पोषण को लेकर जागरूक किया गया। यह दिवस प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रत्येक माह की 15 तारीख को मनाया जाएगा।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा अवधेश कुमार यादव ने बताया कि जनपद के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं जिला चिकित्सालय में एकीकृत निक्षय दिवस परनिक्षय गतिविधियों के साथ कुष्ठ, फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन गतिविधियों पर ज़ोर दिया गया। इन बीमारियों के रोगियों को चिन्हित कर उन्हें उपचार, परामर्श व आवश्यक दवाएं दी गई। इस दौरान कुल 1933 ओपीडी हुआ। इसमें से संभावित टीबी के लक्षण वाले 314 लोगों के बलगम के नमूने लिए गए। मौके पर 129 बलगम के नमूनों की जांच हुई जिसमें 11 में टीबी की पुष्टि हुई। इसके अलावा 61 एचआईवी एवं 103 से अधिक शुगर के लक्षण वालों की जांच की गई।

हवा के माध्यम से फैलती है टीबी : जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ विनोद कुमार दोहरे ने कहा कि टीबी रोगी व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो हवा के माध्यम से यह एक दूसरे में फैलती है। मधुमेह, एचआईवी से ग्रसित व कुपोषित व्यक्तियों में इसके होने की संभावना अधिक होती है। उन्होंने बताया कि टीबी मरीजों का शीघ्र इलाज इसके प्रसार को रोकने का सबसे तरीका है। क्योंकि इलाज शुरू होने के तीन सप्ताह बाद मरीज की खांसी गैर संक्रामक हो जाती है और इसका प्रसार रुक जाता है। उन्होने बताया निक्षय दिवस के माध्यम से संभावित टीबी मरीजों को खोजने में मदद मिलेगी साथ ही मरीज को जल्द इलाज की सुविधा मिल जाएंगी।

संभावित मरीजों की दो बार होगी जांच : जिला समन्वयक शिप्रा सिंह ने बताया कि एकीकृत निक्षय दिवस पर ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 प्रतिशत मरीजों की बलगम जांच सुनिश्चित की गई। निक्षय दिवस पर आए सभी संभावित टीबी मरीजों के बलगम की जांच के लिए उन्हें दो डिब्बियाँ दी जा रहीं है। पहली बलगम की जांच में टीबी की पुष्टि होने पर दोबारा सुबह के बलगम की जांच की जाएगी। दूसरी जांच में टीबी की पुष्टि होने पर मरीज का इलाज शुरू कर दिया जाएगा। साथ ही मरीज का इलाज चलने तक निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपए महीना पौष्टिक भोजन के लिए दिया जाएगा।

दो हप्ते से खांसी है तो जांच कराने चलो : देवा ब्लॉक के हेल्थ वेलनेस सेन्टर महोलिया की सीएचओ रोमा ने बताया कि 6 संभावित मरीजों के बलगम की जांच की गयी है। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर इलाज के लिए मरीज को सूचना दी जाएगी। आशा कार्यकर्ता साधना ने घर-घर जाकर टीबी के लक्षण वाले लोगों को जांच कराने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने लोगों से कहा कि यदि किसी को दो हफ्ते से अधिक समय से खांसी आ रही है। रात में पसीना आता है, भूंख नहीं लगती है या दो हफ्ते से अधिक समय से बुखार रहता है तो जांच कराने का सबसे अच्छा मौका है।

संभावित टीबी मरीज पूनम (बदला हुआ नाम) ने बताया कि उनकी उम्र 32 वर्ष है। उन्हें लंबे समय से खांसी है, इसके साथ ही उनका वजन भी काफी कम हुआ। वह क्षेत्रीय आशा के माध्यम से केंद्र पर आई हैं, यहां पर उनकी जांच की जा गई है। डॉक्टर ने उन्हें मास्क पहनने और खांसने पर मुंह पर हाथ रखने की सलाह दी गई है।