डाकघर सहित नौ सरकारी दफ्तरों में अधिकारियो को खिलाई गई फाइलेरिया रोधी दवा



  •  27 जनवरी तक चलेगा एमडीए अभियान

बाराबंकी  - फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में चल रहे अभियान के साथ ही आज नगरीय क्षेत जिला डाक घर, कचेहरी सहित नौ सरकारी कार्यलयों में ट्रांजिट टीम ने 254 अधकारियों एवं कर्मचारियों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई गई। साथ ही फाइलेरिया क्लिनिक में आये लोगों को भी दवा खिलाई गई।

जिला  फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी नीलम द्विवेदी ने बताया कि जिले के नगरीय क्षेत्र में अभियान के तहत जिला डाकघर, मतस्य विभाग, विकास भवन, बेसिक शिक्षा विभाग, ग्राम विकास, सूचना विभाग, आईसीडीएस, दिव्यांगजन सशक्तीकरण, नगर विकास विभाग अन्य में ट्रांजिट टीम ने अधिकारियों एवं कर्मचारियों  को दवा का सेवन कराया गया।

उन्होने बताया कि इस अभियान में तीन प्रकार की दवाओं को शामिल किया गया है। इनमें से कुछ दवाओं की खुराक व्यक्ति की उम्र और लंबाई के अनुसार तय होती हैं। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों को लंबाई नापने के लिए टूल्स भी दिया गया है। उन्होंने बताया कि सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त निर्देश दिये गए हैं कि किसी भी व्यक्ति को दवा घर ले जाने के लिए नहीं देना है बल्कि सभी को दवा अपने सामने ही खिलानी है ताकि सभी को दवाओं की सही खुराक मिल सके।

एसीएमओ एवं नोडल अधिकारी डा डीके श्रीवास्तव ने कहा कि फाइलेरिय रोग से बचाव के लिए जनपद में अभियान को सफल बनाने के लिए 3064 स्वास्थ्य कर्मीयों को लगाया गया है। स्वास्थ्य कर्मी  घर-घर जाकर एक वर्ष से छोटे बच्चे, गर्भवती व गंभीर बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी को अपने सामने लोगों को फाइलेरिय रोग से बचाव की दवा खिला रहे हैं। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया से मुक्ति के लिए जनपद बाराबंकी को आईडीए कार्यक्रम  के तहत चयनित किया गया है । इसलिए फाइलेरिया से बचाव की दवा वर्ष में एक बार व दो वर्ष में दो बार ही सेवन करना है ।

ऐसे फैलता है फायलेरिया : फाइलेरिया से संक्रमित व्यक्ति को जब मच्छर काटता है तो वह भी संक्रमित हो जाता है। यह संक्रमित मच्छर आगे जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो उसे भी फाइलेरिया से संक्रमित कर देता है। इसके लक्षण 5 से 15 साल बाद प्रकट होते हैं।

फाइलेरिया के लक्षण : इस रोग के कारण शरीर के अंगों में सूजन आने लगती है। इसमें अंडकोष में स्थायी सूजन जिसे हाइड्रोसिल व पैरों में स्थायी सूजन जिसे हाथी पांव कहते हैं। फाइलेरिया का पता लगाने के लिए रात में ब्लड टेस्ट किया जाता है। मच्छरों से बचाव के लिए घर के अंदर व आस-पास साफ सफाई रखें, पानी न जमा होने दें और सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें । साथ ही मच्छरों से बचाव के लिए पूरी बांह के कपड़े पहने।