- पांच नसबन्दी कराकर डॉ राजेश ने नाथनगर ब्लॉक को पहुंचाया पहले स्थान पर
- पिछले पांच वर्ष में नहीं हुई थी किसी ब्लॉक में इतनी पुरुष नसबन्दी
संतकबीरनगर - तीन माह पूर्व डॉ राजेश चौधरी को जब सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नाथनगर के अधीक्षक पद की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी तब नाथनगर ब्लॉक में पुरुष नसबन्दी की स्थिति शून्य थी। ब्लॉक को तीन पुरुष नसबन्दी का ईएलए (एक्सपेक्टेड लेबल ऑफ अचीवमेंट) मिला था। पुरुष नसबन्दी की शून्य स्थिति देखकर डॉ राजेश ने आशा कार्यकर्ताओं को एकत्र किया तथा उन्हें पुरुष नसबन्दी के प्रति समुदाय के मन में बैठीं भ्रान्तियों को दूर करने के लिए प्रेरित किया। आशा कार्यकर्ताओं ने भी अपने क्षेत्र में जाकर प्रयास किया और नतीजा यह हुआ कि एक माह के भीतर पांच पुरुषों की नसबन्दी हुई । पिछले पांच साल में किसी एक ब्लॉक में इतनी पुरुष नसबन्दी नहीं हुई।
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नाथनगर के अधीक्षक डॉ राजेश चौधरी बताते हैं कि यहां आने के बाद स्वास्थ्य केन्द्र पर कई समस्याएं थीं। उन्हें दूर करने की दिशा में कार्य किए गए, इसके बेहतर परिणाम भी सामने आए। लम्बित कार्यों को पूरा किया गया। पुरुष नसबन्दी की प्रगति भी यहां पर शून्य थी। आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और उन्हें पुरुष नसबंदी के प्रति व्याप्त भ्रान्तियों के बारे में दंपति से बात करने की सलाह दी। आशा कार्यकर्ताओं ने इस पर ध्यान दिया तथा हमने न सिर्फ तीन पुरुष नसबन्दी के ईएलए प्राप्त किया, बल्कि कुल पांच पुरुष नसबन्दी करवाई। अभी चार अन्य पुरुषों की काउंसिलिंग की जा रही है। छितहीं की आशा कार्यकर्ता रिंकू बताती हैं कि अधीक्षक ने पुरुष नसबन्दी करवाने के लिए प्रेरित किया। मैनें गांव के कई दंपति से इस बारे में बात की। इसके बाद गांव के एक पुरुष नसबंदी के लिए तैयार हुए। नाथनगर क्षेत्र निवासी 45 साल के सुरेश ( बदला हुआ नाम ) बताते हैं कि उनके तीन बच्चे हैं, इनमें दो लड़के तथा एक लड़की है। गांव की आशा कार्यकर्ता ने दंपति को नसबन्दी के बारे में समझाया। इसके बाद मैने नसबन्दी करवाई। दो माह बीत गए हैं और मुझे कोई परेशानी नहीं हुई।
स्वास्थ्य समिति ने की सराहना : जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में पुरुष नसबन्दी पर चर्चा के दौरान बैठक की अध्यक्षता कर रहे मुख्य विकास अधिकारी संत कुमार ने डॉ राजेश के कार्यों की सराहना की तथा सभी प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों से इसके अनुकरण की बात कही। इस दौरान उन्होने डॉ राजेश से यह बेहतर लक्ष्य प्राप्त करने का अनुभव भी साझा करने को कहा। अपना अनुभव साझा करते हुए डॉ राजेश चौधरी ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं के अन्दर असीम उर्जा है। अगर आप उनकी क्षमताओं का बेहतर उपयोग करेंगे तो सब कुछ संभव है।
दर्द रहित है पुरुष नसबंदी : सर्जन डॉ रमेश सोनकर बताते हैं कि पुरुष नसबन्दी के प्रति तमाम भ्रान्तियां समाज में व्याप्त हैं। इनमें सबसे बड़ी भ्रांति यह है कि इससे शारीरिक कमजोरी आती है। ऐसी भ्रान्तियों को पालने वाले लोगों के लिए यह जानना जरुरी है कि इससे किसी प्रकार की भी कोई शारीरिक कमजोरी आती है। यही नहीं नसबंदी कराने वाले पुरुष को अवसाद भी नहीं होता है।
पुरुष नसबन्दी में बनाया बेहतर मुकाम : ड्रिस्ट्रिक्ट फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर इम्तियाज अहमद बाते हैं कि पुरुष नसबन्दी के क्षेत्र में नाथनगर ब्लॉक की प्रगति बेहतर है। अधीक्षक डॉ राजेश चौधरी के प्रयासों से ही यह संभव हुआ है। पूरे जनपद में अब तक कुल 13 पुरुष नसबन्दी हो पाई है। यह एक बेहतर प्रयास है। सभी ब्लॉक अपने ईएलए को पूरा करें और पुरुष् नसबंदी में जिले को बेहतर मुकाम पर पहुंचाएं।