परिवार से बिछड़े 93 हजार से अधिक बच्चों को योगी सरकार ने मां-बाप से मिलाया,परिवारों में लौटी खुशियां



  • बाल संरक्षण में योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि
  • 645 बच्चे किए गए पुनर्वासित
  • 1707 बाल विवादों पर योगी सरकार ने की त्वरित कार्रवाई
  • 11,860 बच्चे स्पॉन्सरशिप और 02 बच्चे फॉस्टर केयर से लाभान्वित
  • राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के तहत 1015 किशोर-किशोरियों को  मिला प्रशिक्षण

लखनऊ । प्रदेश में बाल संरक्षण के लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार प्रयासरत हैं। उनके प्रयासों का ही परिणाम है कि आज बाल संरक्षण के क्षेत्र में प्रदेश सरकार लगातार महत्वपूर्ण कदम उठा रही है, जिसके परिणामस्वरूप प्रदेश में बच्चों के अधिकारों और उनकी सुरक्षा को मजबूत किया जा रहा है। योगी सरकार की सक्रियता और जनहितकारी नीतियों के चलते अब तक 93,658 से अधिक बिछड़े हुए बच्चों को उनके माता-पिता या अभिभावकों से मिलाने में सफलता प्राप्त की है। इस अभूतपूर्व प्रयास ने हजारों परिवारों में खुशियां लौटाई हैं।

केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही योगी सरकार यूपी में विकास को एक नया आयाम दिया है। परिमाणस्वरूप उत्तर प्रदेश आज हर क्षेत्र में प्रगति की नई इबारत लिख रहा है। उत्तर प्रदेश में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित केंद्र सरकार की "मिशन वात्सल्य योजना" के अंतर्गत बाल संरक्षण के तहत राज्य सरकार ने 1645 बच्चों को गोद लेकर पुनर्वासित किया है। यह पहल न केवल इन बच्चों को सुरक्षित और प्रेमपूर्ण वातावरण में पलने-बढ़ने का अवसर प्रदान कर रही है, बल्कि उनके भविष्य को नई दिशा भी दे रही है। इस कदम से प्रदेश के अनेक बेसहारा बच्चों को एक नई जिंदगी मिली है।

टास्क फोर्स का गठन से मिल रहा त्वरित न्याय : इसके अलावा, योगी सरकार ने सभी जनपदों में टास्क फोर्स का गठन कर 1707 बाल विवादों का त्वरित निपटारा किया है। इन टास्क फोर्सों ने विवादित मामलों में तेजी से कार्रवाई करते हुए बच्चों को न्याय दिलाने में मदद की है। इस पहल से प्रदेश में बाल अधिकारों को सशक्त किया गया है और बच्चों के जीवन में सुधार लाने के प्रयासों को बल मिला है।

बच्चों को प्रशिक्षित कर उन्हें स्वावलंबी बना रही योगी सरकार : योगी सरकार की बाल संरक्षण नीति के अंतर्गत 11,860 बच्चों को स्पॉन्सरशिप योजना का लाभ मिला है, जबकि 2 बच्चों को फॉस्टर केयर के जरिए सुरक्षित आश्रय प्रदान किया गया है। यह योजना बच्चों की सुरक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए एक बड़ा कदम साबित हो रही है। राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन के तहत भी प्रदेश में 1015 किशोर-किशोरियों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसमें से 29 किशोरों को रोजगार प्राप्त हुआ है। इसका उद्देश्य किशोरों को स्वावलंबी बनाना और उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान दिलाना है। प्रदेश में चाइल्ड हेल्पलाइन (1098) सेवा भी 75 जनपदों में सक्रिय रूप से कार्यरत है, जिससे बाल संरक्षण के लिए त्वरित सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। बाल संरक्षण के लिए योगी सरकार की नीतियां और उनके क्रियान्वयन से बाल अधिकारों की सुरक्षा और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में मील का पत्थर साबित हो रही हैं।