- गोरखपुर में 18794 महिला स्वयं सहायता समूहों से आच्छादित हैं करीब तीन लाख परिवार
- 17 हजार समूहों को निर्गत है करीब 27 करोड़ रुपये का रिवॉल्विंग फंड
- छह टेक होम राशन यूनिट का संचालन होता है समूहों के जरिये
गोरखपुर । आधी आबादी को स्वावलंबी बनाने के लिए केंद्र और प्रदेश की डबल इंजन सरकार राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) पर खासा ध्यान दे रही है। यह मिशन ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं का जीवन संवारने में मददगार साबित हो रहा है। महिलाओं को आत्मनिर्भरता का मंत्र देने के लिए अकेले गोरखपुर जिले में एनआरएलएम के तहत 18794 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन हो चुका है जिसमें कुल 294364 परिवार समूह से आच्छादित हैं।
एनआरएलएम के माध्यम से समूहों से जुड़ी महिलाओं ने चूल्हे-चौके से आगे बढ़कर आर्थिक आत्मनिर्भरता की राह पकड़ी है। अब वे अपने परिवारों में आयार्जन करने वाले प्रमुख सदस्य की भी भूमिका में हैं। मोदी सरकार के इस मिशन को योगी सरकार तेजी से आगे बढ़ा रही है। स्वावलंबन के मंत्र से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने, उनके आत्म सम्मान को नई ऊंचाई देने की दिशा में योगी सरकार के प्रयासों से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रति महिलाओं का रुझान बढ़ा है। इस मिशन से जुड़कर और प्रशिक्षण प्राप्त कर गांव की महिलाएं सब्जी उत्पादन, नमकीन उत्पादन, मशरूम उत्पादन, कृत्रिम आभूषण निर्माण, बैग, ड्रेस, फ़ाइल फोल्डर बनाने के साथ पुष्टाहार उत्पादन से जुड़कर आय अर्जित कर अपना जीवन समुन्नत बना रही हैं।
मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना बताते हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत समूह गठन के मामले में गोरखपुर जनपद लक्ष्य के सापेक्ष शत प्रतिशत संतृप्त है। कुल सक्रिय 18794 समूहों में से 545 का गठन वित्तीय वर्ष 2024-25 में हुआ है। समूहों की देखरेख 1320 समूह सखियों के माध्यम से की जा रही है। 324 समूह सखी का चयन इसी वित्तीय वर्ष में किया गया है। जिले में कुल 17325 समूहों को रिवॉल्विंग फंड निर्गत किया गया है। इसमें 15652 समूहों को 15000 रुपये की दर से 23 करोड़ 47 लाख 80 हजार रुपये की धनराशि रिवॉल्विंग फंड मद में दी गई है। इस वर्ष रिवॉल्विंग फंड 15000 से बढ़ाकर 30000 रुपये कर दिया गया है। दर वृद्धि के बाद 1583 समूहों को 4 करोड़ 74 लाख 90 हजार रुपये की धनराशि प्रदान की गई है।
समूहों के संचालन के लिए एनआरएलएम के तहत सामुदायिक निवेश निधि (सीआईएफ) से भी लाभान्वित किया जाता है। गोरखपुर में समूहों को 149 करोड़ 84 लाख 80 हजार रुपये की धनराशि सीआईएफ मद में दी गई है। समूहों की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में बैंकों के कैश क्रेडिट लिंकेज (सीसीएल) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसमें बैंक द्वारा 600000 रुपये तक की लिमिट जारी की जाती है। प्रथम वर्ष 150000 रुपये की लिमिट होती है और सही व नियमित लेनदेन पर दूसरे किस्त में 300000 तथा तीसरे किस्त में यह लिमिट बढ़कर 600000 रुपये हो जाती है। मूल रूप से इस धनराशि का उपयोग समूह सदस्य आजीविका संवर्धन में करते हैं। गोरखपुर में अब तक 200 करोड़ 74 लाख 50 हजार रुपये की सीसीएल जारी हो चुकी है। इससे विभिन्न समूहों की 53500 सदस्य आजीविका की गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं।
एनआरएलएम के तहत पोषाहार उत्पादन की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किया जा रहा है। एनआरएलएम में गठित महिला समूहों के माध्यम से गोरखपुर में टेक होम राशन की छह यूनिट का संचालन किया जा रहा है। ये यूनिट पाली, पिपराइच, सरदारनगर, पिपरौली, गोला और गगहा में संचालित हैं। इसमें 120 महिलाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। टेक होम राशन की इन यूनिट्स से जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर पुष्टाहार का वितरण कराया जा रहा है।
महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलेगा सीएम योगी का मार्गदर्शन : एनआरएलएम के तहत गठित महिला स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर आत्मनिर्भरता की दास्तां लिखने वाली महिलाओं को शनिवार (21 दिसंबर) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मार्गदर्शन प्राप्त होगा। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में दोपहर बाद आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम योगी समूहों को सीसीएल प्रमाण पत्र वितरित करने के साथ ही समूहों की महिलाओं से संवाद कर उन्हें आर्थिक समृद्धि का मंत्र देंगे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बैंक सखी, ड्रोन दीदी, लखपति दीदी, बीसी सखी, विद्युत सखी के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को भी सम्मानित करेंगे।
बाबा गोरखनाथ कृपा दुग्ध उत्पादक संस्था का लोकार्पण करेंगे मुख्यमंत्री : योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम के दौरान ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी बुंदेलखंड की तर्ज पर गोरखपुर में गठित बाबा गोरखनाथ कृपा दुग्ध उत्पादक संस्था का लोकार्पण करेंगे। इसके साथ ही उनके हाथों गोरखपुर मंडल में बने सात दुग्ध अवशीतन केंद्रों का भी लोकार्पण होगा। ये अवशीतन केंद्र गोरखपुर के कैम्पियरगंज, खजनी, बड़हलगंज, देवरिया के रुद्रपुर, पथरदेवा, भाटपार और कुशीनगर के कसया में स्थापित किए गए हैं।