सीएम योगी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बना श्रमिक कल्याण का मॉडल राज्य



  • मनरेगा श्रमिकों का BOCW बोर्ड में पंजीकरण अनिवार्य, अब तक 1.29 लाख श्रमिक पंजीकृत
  • BOCW बोर्ड की योजनाओं से श्रमिकों को मिलेगा सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा का लाभ
  • योगी सरकार के निर्देश पर श्रमिक पंजीकरण प्रक्रिया की हो रही नियमित समीक्षा
  • दुर्घटनाओं में सहायता और पेंशन योजनाओं के तहत श्रमिकों को मिल रही है सुरक्षा

लखनऊ । योगी सरकार श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में अहम कदम उठाते हुए भवन एवं अन्य सन्निर्माण श्रमिकों और मनरेगा श्रमिकों के पंजीकरण को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सम्बन्धित अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि मनरेगा श्रमिकों का उत्तर प्रदेश बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्ड (BOCW) पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण हो। जिससे कई भी श्रमिक बीओसीडब्ल्यू बोर्ड की योजनाओं के लाभ से वंचित न रहें।

योगी सरकार का यह कदम न केवल श्रमिकों को योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने में सहायक है, बल्कि उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में भी एक महत्त्वपूर्ण प्रयास है। इस दिशा में, मनरेगा योजना के अंतर्गत जॉब कार्ड धारकों को पोर्टल पर पंजीकरण कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ग्राम्य विकास मुख्यालय स्तर से जनपदों के अधिकारियों को पंजीकरण के कार्य को तेज गति से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं साथ ही इसी बकायदा मॉनिटरिंग भी की जा रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2024-25 में अब तक 1.29 लाख से अधिक श्रमिकों का पंजीकरण कराया जा चुका है। शेष श्रमिकों का पंजीकरण शीघ्र कराने के लिए अधिकारी सक्रिय रूप से कार्यरत हैं।

योगी सरकार के निर्देश पर श्रमिक पंजीकरण प्रक्रिया की हो रही नियमित समीक्षा : योगी सरकार श्रमिकों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी साधनों का उपयोग किया जा रहा है। सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि श्रमिकों के पंजीकरण में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो। साथ ही, नियमित समीक्षा बैठकों के माध्यम से प्रगति की निगरानी की जा रही है। बीओसीडब्ल्यू बोर्ड के तहत चलाई जा रही योजनाएं श्रमिकों और उनके परिवारों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई हैं। इनमें मातृत्व, शिशु एवं बालिका मदद योजना शामिल है, जो महिलाओं और बालिकाओं को स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता प्रदान करती है। कन्या विवाह सहायता योजना गरीब श्रमिक परिवारों की बेटियों के विवाह में आर्थिक मदद प्रदान करती है। संत रविदास शिक्षा प्रोत्साहन योजना श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करती है, जबकि अटल आवासीय विद्यालय योजना उन्हें बेहतर शिक्षा और आवासीय सुविधा प्रदान करती है। निर्माण कामगार मृत्यु एवं दिव्यांगता सहायता योजना दुर्घटनाओं की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करती है। महात्मा गांधी पेंशन योजना आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिकों को नियमित पेंशन सुविधा प्रदान करती है। आपदा राहत सहायता योजना प्राकृतिक आपदाओं में श्रमिकों को राहत प्रदान करती है, और गंभीर बीमारी सहायता योजना श्रमिकों को इलाज के लिए वित्तीय सहायता देती है। इसके अतिरिक्त, पंडित दीनदयाल उपाध्याय चेतना योजना श्रमिकों के सशक्तिकरण और कल्याण के लिए विशेष सहायता प्रदान करती है।

श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा सुरक्षा सुनिश्चित कर रही योगी सरकार : श्रमिकों को योजनाओं का लाभ पहुंचाना केवल आर्थिक सहायता प्रदान करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने का प्रयास है। सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि श्रमिक अपने अधिकारों और योजनाओं की जानकारी से अवगत हों। इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार श्रमिकों की भलाई के लिए ठोस कदम उठा रही है। यह पहल न केवल श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, बल्कि उनके जीवन को भी सरल और सम्मानजनक बनाएगी। श्रमिक पंजीकरण और योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करने की यह रणनीति प्रदेश में समग्र विकास और समृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है।