- सीएमओ सभागार में “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम की समीक्षा बैठक
- स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इंडिया व केनव्यू के सहयोग से चलाया जा रहा कार्यक्रम
उन्नाव । स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया और केनव्यू के सहयोग से जिले में चलाये जा रहे “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम की समीक्षा बैठक शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिनंदन प्रसाद की अध्यक्षता में हुई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में हुई बैठक में पीएसआई इंडिया के मैनेजर प्रोग्राम गजेन्द्र सिंह और मैनेजर (एमआईएस एंड डाक्युमेंटेशन) डॉ. विभीषण ने कार्यक्रम सम्बन्धी गतिविधियों और प्रगति के बारे में विस्तार से चर्चा की।
इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि डायरिया से बच्चों को पूरी तरह से सुरक्षित बनाने के लिए जन जागरूकता बहुत जरूरी है। डायरिया से जुड़ी गलत धारणाओं और भ्रांतियों को भी दूर किया जाना चाहिए। पीएसआई इंडिया के गजेन्द्र ने बताया कि पीएसआई इंडिया द्वारा जनपद उन्नाव के 53 प्रमुख स्थानों पर डायरिया से संबंधित दीवार लेखन किया जा रहा है, ताकि जन-जन में जागरूकता की अलख जगाई जा सके। ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य इकाइयों पर आशा एवं एएनएम की बैठक में प्रतिभाग कर डायरिया पर चर्चा की जा रही है। इसके अलावा अतिरिक्त छाया ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस सत्रों का सहयोगात्मक निरीक्षण किया जा रहा है। ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य इकाइयों पर ओआरएस व जिंक कार्नर बनाने का कार्य किया जा रहा है। जुलाई तक करीब एक हजार आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम, आशा संगिनी का डायरिया पर अभिमुखीकरण किया जाएगा। महिला आरोग्य समिति की सदस्यों का अभिमुखीकरण किया जा चुका है। पम्पलेट आदि प्रचार सामग्री (आईईसी) का वितरण किया जायेगा और प्रचार वाहन का संचालन किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रचार-प्रसार व अभिमुखीकरण के लिए दिए गए सुझावों को कार्ययोजना में शामिल किया जाएगा। बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) डॉ. जयराम सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. नरेंद्र, जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (डीपीएम) इंतजार अहमद सिद्दीकी, शहरी स्वास्थ्य समन्वयक डॉ. रानू कटियार, डीसीपीएम जे.बी. पाण्डेय ने भी प्रतिभाग किया। इस मौके पर पीएसआई इंडिया से अशरफ हुसैन उपस्थित रहे।
ज्ञात हो कि पीएसआई इंडिया और केनव्यू के सहयोग से उत्तर प्रदेश के सात जिलों उन्नाव, मुरादाबाद, मथुरा, फिरोजाबाद, बदायूं, गोंडा व श्रावस्ती और बिहार के तीन जिलों दरभंगा, सुपौल और पूर्णिया में ‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और विकास खंड कार्यालयों को दीवार लेखन के माध्यम से आच्छादित किये जाने की योजना है ताकि जन-जन तक डायरिया से बचाव के प्रमुख सन्देश पहुंचाए जा सकें। इसके साथ ही बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार (आईसीडीएस) और शिक्षा विभाग के साथ ही अन्य विभागों को भी कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। निजी क्षेत्र के चिकित्सकों और अस्पतालों को भी कार्यक्रम से जोड़कर ओआरएस कार्नर स्थापित करने और डायरिया केस की रिपोर्टिंग करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।