नई दिल्ली(प्र.भा.) - विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पारंपरिक चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग पर अपनी हालिया रिपोर्ट में भारत के आयुष क्षेत्र में हो रहे नवाचारों की सराहना की है। रिपोर्ट का शीर्षक है "पारंपरिक चिकित्सा में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग का मानचित्रण", जिसमें भारत के प्रयासों को वैश्विक स्वास्थ्य नवाचार के एक उल्लेखनीय उदाहरण के रूप में शामिल किया गया है।
केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने इस उपलब्धि को भारत के लिए गर्व का विषय बताते हुए कहा कि यह रिपोर्ट इस बात का प्रमाण है कि भारत अपनी प्राचीन चिकित्सा पद्धतियों को आधुनिक तकनीक से जोड़ते हुए उन्हें वैश्विक मंच पर स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी, सोवा रिग्पा और होम्योपैथी जैसी पारंपरिक प्रणालियों में अब AI टूल्स का उपयोग किया जा रहा है। इससे प्राचीन निदान पद्धतियों को आधुनिक एल्गोरिद्म के साथ जोड़कर स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और प्रभावशीलता में उल्लेखनीय सुधार हो रहा है।
आयुष मंत्रालय ने भी इस उपलब्धि को भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बताया है। मंत्रालय का कहना है कि यह मान्यता भारत के उस विजन को बल देती है जिसमें तकनीकी नवाचार के साथ पारंपरिक ज्ञान को वैश्विक स्वास्थ्य समाधान का हिस्सा बनाया जा रहा है।