-2022 में कुष्ठ रोग को पूरी तरह से समाप्त करने का है लक्ष्य
बाराबंकी - स्थानीय जनपद में स्पर्श कुष्ठ रोग के विरुद्ध, आखिरी युद्ध की थीम के साथ स्वास्थ्य विभाग स्पर्श कुष्ठ जागरुकता अभियान में जुटा हुआ है। वर्ष 2022 में कुष्ठ रोग को पूरी तरह से समाप्त करने का लक्ष्य है। लोगों के अंदर कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता पैदा करने के लिए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी एवं नोडल डॉ. उमाशंकर ने बताया कि देश कुष्ठ रोग से मुक्त हो इसके लिए सभी ग्राम सभाओं में कुष्ठ के प्रति भेदभाव को मिटाने के लिए लोगों में जागरूकता अभियान 30 जनवरी से शुरू हुआ है, जो आगामी 13 फरवरी तक चलेगा। इसके तहत जिले में नुक्कड़ नाटक, वॉल पेंटिंग एवं माइक से कुष्ठ रोग के बारे में जागरूक किया जा रहा है। नये कुष्ठ रोगियों के परिवार के लोगों से मिलकर उनको दवा के बारे में बताया जा रहा है।
उन्होने बताया कुष्ठ रोगियों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए घर-घर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। अपने या दूसरों की त्वचा पर दाग या सुन्न निशान हो तो इसकी अनदेखी न करें। नजदीकी अस्पताल पहुंचकर जांच कराएं। इसे छिपाने या टालने से कुष्ठ रोग दिव्यांगता का रूप ले सकता है। थोड़ी सी जागरुकता इस रोग से मुक्ति दिला सकती है। यह रोग हमारे शरीर के तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है। उपचार न कराने, उपचार में देरी करने या आधा-अधूरा उपचार कराने पर अंगों में विकृति ला देता है। कुष्ठ रोग का उपचार संभव है।
सीएमओ डॉ. रामजी वर्मा का कहना है कि इस अभियान में आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं। कुष्ठ रोगियों के इलाज की हर सुविधा जिले में उपलब्ध है। जिले में 158 कुष्ठ रोगी हैं। समय- समय पर उनको दवाइयों की नि:शुल्क किट भी दी जाती है। इसके साथ ही विशेष प्रकार की चप्पलें भी दी जाती हैं ताकि उनके घावों पर खरोच आदि न लगे। उन्हें 2500 रुपये पेंशन भी दी जाती हैं।