- घबराने नहीं बल्कि सतर्कता बरतने की जरूरत
लखनऊ - आलमबाग निवासी रोहित को बुखार आ रहा था, जांच में डेंगू की पुष्टि हुई | प्लेटलेट्स 80,000 से नीचे आ गया था | परिवार के लोग घबरा गए | आनन-फानन में उन लोगों ने प्लेटलेट्स चढ़वाने का विचार करने लगे लेकिन जब चिकित्सक को रिपोर्ट दिखाई तो उन्होंने कहा कि ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है |
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मेडिसिन विभाग के शिक्षक डा. हरीश गुप्ता का कहना है कि बहुत आवश्यकता पड़ने पर और डॉक्टरी निरीक्षण के बाद ही प्लेटलेट्स चढ़ाई जाती हैं | इसको लेकर लोग घबरायें नहीं | स्वस्थ व्यक्ति में प्लेटलेट्स की संख्या डेढ़ से चार लाख तक होती है | डेंगू में बुखार के साथ शरीर में दर्द होता है | चिकित्सक की सलाह के बगैर दर्द निवारक दवाएं नहीं लेनी चाहिए क्योंकि इससे प्लेटलेट्स कम होने का जोखिम और इंटरनल ब्लीडिंग (आंतरिक स्राव) की गुंजाइश रहती है | प्लेटलेट्स की संख्या 20 हजार से नीचे आने पर ही इसे चढ़वाने की जरूरत होती है | बिना ज़रूरत प्लेटलेट्स चढ़ाने के दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं क्योंकि यह किसी न किसी व्यक्ति का प्लेटलेट होता है, ऐसे में हो सकता है कि वह संक्रमित हो | अगर प्लेटलेट्स कम है तो खूब पानी पियें, चिकित्सक की सलाह के बगैर दवा का सेवन न करें | ज्यादा बुखार आने पर डाक्टर से मशविरा करके केवल पैरासिटामॉल लें |
पूर्व वरिष्ठ मंडलीय एंटेमोलॉजिस्ट डा. मानवेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि डेंगू वायरस का वाहक एडीज मच्छर है जो कि मानव आवासों के समीप व घरों के अंदर साफ पानी में पनपता है | यह पूरी तरह से मानव रक्त पर निर्भर रहता है क्योंकि इसको अपने अंडों को विकसित करने के लिए मानव रक्त की जरूरत होती है | इसलिए इससे बचाव ही इसका उपचार है | 85 से 95 फीसद मच्छर पानी की टंकियों और कूलर में पनपते हैं | इसके साथ ही गमलों की प्लेटों, फ्रिज की ट्रे, घर के ड्राइंग रूम में बम्बू या मनी प्लांट का पौधा, यह सभी जगह डेंगू का लार्वा पनपने के लिए उपयुक्त हैं | इन सभी की साप्ताहिक रूप से सफाई करें क्योंकि एक एडीज मच्छर एक बार में 30 से 40 लोगों को संक्रमित कर सकता है | इसके साथ ही फ्रिज की ट्रे, गमलों की प्लेटें, पुराने टायर, टूटे खाली बर्तन भी इसके पनपने के लिए उपयुक्त हैं | डेंगू का लार्वा एक चम्मच पानी में भी पनपता है, इसलिए पूरे घर की स्वच्छता और घर के आस-पास की सफाई नियमित रूप से करें | जागरूक होकर ही इस बीमारी से बचाव संभव है | खुद से कोई इलाज न करें | निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर इलाज कराएं | डेंगू की पुष्टि के लिए एलाइजा जांच ही कराएं |