लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकान्त को 8 व 9 फरवरी को प्रफुल्ल चंद्र सेन गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, आरामबाग में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के 84वें बंगाल स्टेट मेडिकल बीमाकॉन 2025 कॉन्फ्रेंस में डा. एसी उकील मेमोरियल ओरेशन से सम्मानित किया गया। यह ओरेशन सम्मान टीबी के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्यो के लिए प्रदान किया गया। डा. सूर्यकान्त का यह 20वां ओरेशन अवार्ड है इससे पूर्व में भी चिकित्सा जगत के लिए विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए 19 ओरेशन प्राप्त हो चुके हैं। डा. सूर्यकान्त ने 10 वर्षों तक टीबी उन्मूलन के लिए उप्र टास्क फोर्स का नेतृत्व किया है और वर्तमान में राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम नार्थ जोन के अध्यक्ष के रूप में देश के ’10 राज्यों’ का नेतृत्व कर रहे हैं। डॉ. सूर्यकान्त के कुशल नेतृत्व में रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू को टीबी के उपचार हेतु सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस फॉर ड्रग रेजिसटेन्ट टीबी केयर के रूप में चयनित किया गया है। उन्होंने टीबी मुक्त बनाने के लिए भारत के पहले गांव और मलिन बस्ती क्षेत्र और 100 से अधिक टीबी रोगियों को भी गोद लिया है। उनके कुशल मार्गदर्शन में ऑनलाइन रूप से भी डिफिकल्ट टू ट्रीट टीबी क्लिनिक और हब और स्पोक्स मॉडल के माध्यम से व्यापक टीबी रोगियों की देखभाल प्रदान की जा रही है। 29 जुलाई 2023 को नई शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जारी हिंदी में 100 पुस्तकों का विमोचन किया गया उसमें डा. सूर्यकान्त की दो पुस्तकें हिन्दी में है जिसमें से एक टीबी की पुस्तक भी शामिल है। साथ ही 150 से अधिक टीबी के क्षेत्र में शोध पत्र एवं पुस्तकें भी प्रकाशित हैं। समय समय पर आम जनमानस के लिए इलेक्ट्रानिक एवं प्रिंट मीडिया के माध्यम से भी टीबी रोग के लेख, वार्ता, वीडियों आदि के द्वारा जागरूक करते रहते हैं।
ज्ञात रहे कि डा. अमूल्य चंद्र उकील का जन्म 14 नवंबर, 1888 को बोनगांव, जेसोर जिले (अब बांग्लादेश में) में हुआ था। 1926 में, उन्होंने बंगाल टीबी एसोशिएशन की स्थापना में मदद की, जो बाद में टीबी एसोशिएशन ऑफ इंडिया बन गया। कलकत्ता में टीबी अनुसंधान के निदेशक (1927-1943) के रूप में, उन्होंने टीबी नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। डा. उकील ने 1926 में भारतीय चिकित्सा संघ (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे कोलकाता के मेयर भी रहे तथा उन्होंने राष्ट्रीय चिकित्सा संस्थान में जीवाणु विज्ञान के प्रोफेसर और कलकत्ता मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल सहित प्रमुख चिकित्सा और शैक्षणिक पदों पर कार्य किया। टीबी के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान हेतु प्रतिवर्ष डा. ए सी उकील ओरेशन अवार्ड के लिए विशिष्ट चिकित्सक को चयनित किया जाता है। इस वर्ष डा. सूर्यकान्त को डा. एसी उकील ओरेशन अवार्ड प्रदान किया गया है।
डॉ. सूर्यकान्त विश्व के सर्वोच्च 2 प्रतिशत वैज्ञानिकों की श्रेणी में भी स्थान प्राप्त है। वह रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में विगत 25 वर्षों से चिकित्सा शिक्षक, 19 वर्षों से प्रोफेसर व 12 वर्षों से विभागाध्यक्ष के पद सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा वह चिकित्सा विज्ञान सम्बंधित विषयों पर 22 किताबें भी लिख चुके हैं तथा एलर्जी, अस्थमा, टी.बी. एवं कैंसर के क्षेत्र में उनके अब तक लगभग 900 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय एवं अर्न्तराष्ट्रीय जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं साथ ही 2 अंतर्राष्ट्रीय पेटेन्ट का भी उनके नाम श्रेय जाता है। लगभग 200 एमडी/पीएचडी विद्यार्थियों का मार्गदर्शन, 50 से अधिक शोध परियोजनाओं का निर्देशन, 22 फैलोशिप, 20 ओरेशन एवार्ड का भी श्रेय उन्हें जाता है। उन्हें अब तक अन्तरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा 212 पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ. सूर्यकान्त पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से अपने लेखों व वार्ताओ एवं टी.वी. व रेडियो एवं इलेक्ट्रानिक/प्रिंट/सोशल मीडिया के माध्यम से लोगो में टी.बी. रोग, अस्थमा, एलर्जी, लंग कैंसर व श्वसन संबंधी अन्य बीमारियों से बचाव व उपचार के बारे में जागरूकता फैला रहे हैं।
वे इण्डियन सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ लंग कैंसर के एडवाजरी बोर्ड के मेम्बर भी है तथा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना के इन्स्टीट्यूट एवं गवर्निंग बॉडी एवं बोर्ड ऑफ मैनेजमेन्ट, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय, जयपुर के सदस्य हैं। इसके साथ ही चेस्ट रोगों के विशेषज्ञों की राष्ट्रीय संस्थाओं इण्डियन चेस्ट सोसाइटी, इण्डियन कॉलेज ऑफ एलर्जी, अस्थमा एण्ड एप्लाइड इम्यूनोलॉजी एवं नेशनल कालेज ऑफ चेस्ट फिजिशियन (एनसीसीपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके साथ ही इण्डियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के मेडिकल साइंस प्रभाग के भी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके है एवं डा. सूर्यकान्त आईएमए, लखनऊ के अध्यक्ष एवं उप्र आईएमए एकेडमी ऑफ मेडिकल स्पेशलिटीज के चेयरमैन रह चुके है एवं आईएमए-एएमएस के राष्ट्रीय वायस चेयरमेन भी रह चुके हैं। वे इंडियन स्टडी अगेंस्ट स्मोकिंग के राष्ट्रीय महासचिव भी रह चुके हैं।