डायरिया के प्रति जन जागरूकता के लिए तीन प्रचार वाहन रवाना



  • जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने दिखाई हरी झंडी, कहा- बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए जागरूकता जरूरी
  • 31 जुलाई तक चलने वाले डायरिया रोको अभियान में पीएसआई इंडिया व केनव्यू कर रहे सहयोग  

मुरादाबाद । डायरिया के प्रति जन जागरूकता के लिए शनिवार को जिला प्रतिरक्षण अधिकारी अधिकारी डॉ. संजीव कुमार बेलवाल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से तीन प्रचार वाहनों को रवाना किया। इस मौके पर चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अमित सक्सेना भी उपस्थित रहे। यह प्रचार वाहन विभिन्न क्षेत्रों में जाकर समुदाय को शून्य से पांच साल तक के बच्चों में डायरिया के लक्षण, कारण और बचाव आदि के बारे में प्रचार-प्रसार करेंगे।

इस मौके पर डॉ. बेलवाल ने कहा कि शून्य से पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से सुरक्षित बनाने के लिए जनजागरूकता बहुत जरूरी है। इसी को ध्यान में रखते हुए डायरिया के प्रति जागरूकता सम्बन्धी संदेशों वाले पोस्टर-बैनर से सुसज्जित यह प्रचार वाहन समस्त 70 वार्डों में जैसे आदर्श नगर, चाऊ की बस्ती, फकीरपुरा, हरथला, कानून गोयान, कोठीवाल नगर, मझोला, बांग्ला गाँव, सीपीएच नया गाँव, गाड़ीखाना, काशीराम नगर, बरबालान, वारसी नगर, ईएसआई टाउन हाल, इंदिरा कालोनी, गुलाबबाड़ी, पीतल बस्ती कंजरी सराय, किसरोल, लालबाग आदि मोहल्लों एवं ग्रामीण क्षेत्रों से होकर गुजरेंगे।

डॉ. बेलवाल ने कहा कि जिले में 16 जून से 31 जुलाई तक डायरिया रोको अभियान चलाया जा रहा है। डायरिया रोको अभियान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू भी सहयोग कर रहे हैं। अभियान की इस साल की थीम- “डायरिया की रोकथाम, सफाई और ओआरएस से रखें अपना ध्यान” तय की गयी है। इस अभियान का उद्देश्य बच्चों में डायरिया की रोकथाम, ओआरएस व जिंक के उपयोग को प्रोत्साहन और जनसामान्य में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना है। डायरिया रोको अभियान के प्रभावी संचालन एवं अधिक से अधिक जनसामान्य तक स्वास्थ्य सन्देश पहुंचाने के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर ओआरएस व जिंक कार्नर बनाये जा रहे हैं। निजी अस्पतालों व चिकित्सकों से भी ओआरएस कार्नर बनाने की अपील की गयी है ।

डॉ. बेलवाल का कहना है कि बारिश और उमस में बच्चा डायरिया की चपेट में कई कारणों से आ सकता है, जैसे- दूषित जल पीने से, दूषित हाथों से भोजन बनाने या बच्चे को खाना खिलाने, खुले में शौच करने या बच्चों के मल का ठीक से निस्तारण न करने आदि से। इसलिए शौच और बच्चों का मल साफ़ करने के बाद, भोजन बनाने और खिलाने से पहले हाथों को साबुन-पानी से अच्छी तरह अवश्य धुलें। डायरिया का सही इलाज ओआरएस का घोल और जिंक के टेबलेट हैं, जिन्हें उम्र के अनुसार निश्चित अवधि तक जरूर दें। उन्होंने कहा कि बच्चे को दिन भर में तीन या तीन से अधिक बार दस्त हो तो समझना चाहिए कि बच्चा डायरिया से ग्रसित है और ऐसे में उसको तत्काल ओआरएस का घोल देना चाहिए ताकि शरीर में पानी की कमी न होने पाए, साथ ही निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करना चाहिए। इस मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक रघुबीर सिंह, चंद्र शेखर, प्रमोद कुमार, सचिन, पीएसआई इंडिया से मोहम्मद रिजवान, ममता सैनी और स्वास्थ्य कर्मी मौजूद रहे।