नई दिल्ली : दिल्ली में यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने के कारण आस-पास के इलाकों में पानी आ गया है, जिसके कारण स्थानीय लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी यमुना बाजार पहुंची और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। उनका हालचाल जाना। साथ ही, शासन-प्रशासन के पुरजोर सहयोग मिलने का आश्वासन दिया।
सीएम रेखा गुप्ता ने आश्वासन दिया कि कंट्रोल रूम से लगातार हालात की निगरानी की जा रही है। राहत और बचाव दल पूरी मुस्तैदी के साथ तैनात हैं ताकि हर स्थिति से निपटा जा सके। वहीं यमुना नदी में लगातार जलस्तर घट रहा है। दिल्ली में यमुना नदी इस समय खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। आज सुबह 6 बजे यमुना नदी का जलस्तर 205.91 मीटर पर पहुंच गया था जो अब घटने लगा है।
वहीं यमुना नदी के किनारे जिन इलाकों में पानी घुस गया है वहां पर दिल्ली सरकार ने लोगों के रहने के लिए विशेष शिविर बनाए हैं। इन शिविरों में बिजली, पानी और पंखा समेत सभी सुविधाएं दी गई हैं। दरअसल, हरियाणा के यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से बीते 16 और 18 अगस्त को कुल 2.40 लाख से अधिक क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
हथिनीकुंड बैराज से 16 अगस्त को 1.78 लाख क्यूसेक पानी यमुना नदी में छोड़ा गया, जबकि 18 अगस्त को और करीब 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसका असर अगले 72 घंटे में दिल्ली में दिखाई दे सकता है। इस स्थिति में यमुना किनारे बसे इलाकों में बाढ़ के हालात बन सकते हैं।
फिलहाल, दिल्ली में यमुना का जलस्तर बढ़ा हुआ है। मंगलवार सुबह 8 बजे दिल्ली के पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी का जलस्तर 205.85 मीटर दर्ज किया गया, जो निकासी के लिए निर्धारित 206 मीटर के निशान से थोड़ा कम है। सोमवार दोपहर तक, नदी खतरे के निशान 205.33 मीटर को पार कर 205.55 मीटर तक पहुंच गई थी और तब से लगातार बढ़ रही थी। जलस्तर बढ़ने के बाद अधिकारियों ने ओखला बैराज के सभी गेट खोल दिए हैं।
यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के यमुना बाजार और आसपास के इलाकों में पानी घुसने लगा है, जिससे निवासियों को अपने घर छोड़कर अस्थायी तंबुओं या छतों पर शरण लेनी पड़ रही है। हालांकि, बाढ़ के खतरे को देखते हुए दिल्ली में सिंचाई विभाग और प्रशासन अलर्ट मोड पर हैं। वहीं यमुना किनारे बसे इलाकों के निवासियों को सतर्क रहने की चेतावनी दी गई है।