पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित करने के कार्यक्रम की हुई शुरुआत



लखनऊ  - पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट), लखनऊ में पंचायती राज्य मंत्रालय, भारत सरकार की अपेक्षानुसार पंचायतों में महिला नेतृत्व को सशक्त बनाने एवं स्थानीय सुशासन को सुदृढ बनाने हेतु 05 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (टी.ओ.टी.) कार्यक्रम आज से शुरू हो गया है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन विपुल उज्जवल, निदेशक (क्षमता संवर्धन एवं प्रशिक्षण) पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार एवं अमित कुमार सिंह, निदेशक, पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट), उप्र द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। उद्घाटन के दौरान अभय कुमार शाही, संयुक्त निदेशक, प्रिंट एवं तौकीर खान, राष्ट्रीय सलाहकार, पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार प्रशिक्षण में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर के रूप में बिहार, हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश को सम्मिलित कर कुल 33 महिला प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

अमित कुमार सिंह, निदेशक, पंचायती राज एवं प्रिट द्वारा विपुल उज्वल, निदेशक (क्षमता संवर्धन एवं प्रशिक्षण), पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार को एवं अभय कुमार शाही, संयुक्त निदेशक, प्रिट द्वारा तौकीर खान, राष्ट्रीय सलाहकार स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। प्रशिक्षण में ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंण्डिया (टी.आर.आई.) द्वारा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया है।

पंकज पाण्डेय द्वारा प्रशिक्षण के उद्देश्य के बारे में संक्षिप्त रूप से जानकारी देते हुए बताया गया कि निर्वाचित महिला प्रतिनिधि द्वारा नेतृत्व करने एवं निर्णय लेने में परिवार के किसी पुरुष सदस्य अथवा अन्य का हस्तक्षेप (प्रॉक्सी) न हो। निदेशक, पंचायती राज एवं प्रिट द्वारा अपने उद्बोधन में विपुल उज्जवल एवं पंचायती राज मंत्रालय, भारत सरकार का धन्यवाद किया कि इस प्रकार के राष्ट्रीय प्रशिक्षण का आयोजन पंचायती राज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट), उत्तर प्रदेश में किया जा रहा है।

उनके द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि पूर्व प्रशिक्षणों में निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधियों को महिला एवं पुरूष प्रशिक्षकों द्वारा समान रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है परन्तु उन प्रशिक्षणों का अपेक्षित परिणाम प्राप्त न होने के कारण निर्वाचित महिला पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान करने हेतु पहली बार महिला प्रशिक्षकों को ही दायित्व दिया जा रहा है। प्रतिभागियों से निदेशक (क्षमता संवर्धन एवं प्रशिक्षण) द्वारा यह अपेक्षा की गयी कि वे पूर्ण मनोयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित कर उनको जागरूक करेगी जिससे वे स्वयं नेतृत्व कर निर्णय लेने में सक्षम हो सके।