महाराष्ट्र: महाबलेश्वर के चमगादड़ों में मिला निपाह वायरस



नई दिल्ली / महाराष्ट्र (न्यूज़ डेस्क) -  महाराष्ट्र स्थित महाबलेश्वर की गुफा में चमगादड़ों में घातक निपाह वायरस मिला है।  पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के एक शोध में इस बात की जानकारी दी गई है। कोई भी वैक्सीन और दवा नहीं होने के कारण निपाह वायरस को काफी घातक माना जाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने पैथोजन्स की सूची में इस वायरस को शीर्ष 10 में शामिल किया है।

इसको एक डेडली वायरस कहा जाता है। मौजूदा समय में भी इसकी कोई दवा तो उपलब्‍ध नहीं है, लेकिन जानकारों की राय में बचाव ही इसका एक उपाय है। ये वायरस मुख्यत: चमगादड़ से फैलता है। गौरतलब है कि जो चमगादड़ फल खाते हैं उनकी लार फलों पर ही रह जाती है। ऐसे में जब कोई भी अन्‍य जानवर या व्‍यक्ति इन फलों को खाता है तो वो इससे संक्रमित हो जाता है। इससे संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ होती है, खांसी आती है, थकान और दर्द महसूस होता है. इसके अलावा दिमागी बुखार जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।  ज्यादा बुखार आने पर दिमाग सूज जाता है और इंसान की मौत हो जाती है।

इस पुष्टि के बाद सतारा जिले के महाबलेश्‍वर-पंचगनी के पर्यटन स्‍थलों को फिलहाल बंद कर दिया गया है।