ICC ने क्रिकेट में किए बड़े बदलाव, कैच के फर्जी दावे पर मिलेगी कड़ी सजा



लखनऊ(स्पोर्ट्स डेस्क) - इंटरनेशनल क्रिकेट में 2 जुलाई से काफी कुछ बदलने वाला है। दरअसल आईसीसी ने में इंटरनेशनल क्रिकेट के लिए कई नए नियमों को और खेल की शर्तों में बदलाव को मंजूरी दे दी है। इसमें शॉर्ट रन पर जुर्माना, डीआरएस, सलाइवा के इस्तेमाल, कैच के फर्जी दावों पर कड़ी सजा और टेस्ट क्रिकेट में समय की बर्बादी रोकने के लिए स्टॉप क्लॉक जैसे नियम शामिल हैं। आईसीसी के अनुसार सफेद गेंद वाले प्रारूपों से संबंधित कानून 2 जुलाई से प्रभावी होंगे।

टेस्ट मैचों में ओवर रेट के लिए 'स्टॉप क्लॉक' : ICC ने टेस्ट क्रिकेट में धीमी ओवर गति को नियंत्रित करने के लिए 'स्टॉप क्लॉक' का नियम लागू किया है। इस नियम के तहत एक ओवर समाप्त होने और अगले ओवर की शुरुआत के बीच का अधिकतम समय 60 सेकंड निर्धारित किया गया है।

शॉर्ट रन और स्ट्राइक पर बल्लेबाज का चुनाव : यदि बल्लेबाज शॉर्ट रन लेते हुए पकड़े जाते हैं तो बल्लेबाजी करने वाली टीम पर पांच रन का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त यदि ऐसी स्थिति (शॉर्ट रन) होती है तो अंपायर क्षेत्ररक्षण टीम से पूछेंगे कि वे किस बल्लेबाज को अगली गेंद पर स्ट्राइक पर चाहते हैं।

सलाइवा लगाया तो गेंद नहीं बदलेगी : आईसीसी ने गेंद पर सलाइवा लगाने पर बैन तो लगाया हुआ है लेकिन बड़ा बदलाव ये हुआ है कि अगर अंपायर किसी गेंद पर सलाइवा पाते हैं तो उसे तुरंत नहीं बदला जाएगा। ये बदलाव इसलिए किया गया ताकि गेंद बदलने के लिए टीमें जानबूझकर सलाइवा का इस्तेमाल ना करें।

फर्जी कैच दावों पर 'नो-बॉल' : यह नियम 'खेल भावना' (Spirit of Cricket) को बनाए रखने के लिए लाया गया है। इस नियम के तहत यदि कोई कैच स्पष्ट नहीं है और क्षेत्ररक्षक जानबूझकर उसे आउट होने का दावा करते हैं, जबकि उन्हें पता है कि यह साफ कैच नहीं है तो अंपायर इसे 'नो-बॉल' करार देगा।

DRS में 'आउट' निर्णयों के लिए नए प्रोटोकॉल : डिसीजन रिव्यू सिस्टम में अंपायरों के 'आउट' निर्णयों की समीक्षा के लिए कुछ नए प्रोटोकॉल पेश किए गए हैं। इन प्रोटोकॉलों का उद्देश्य DRS प्रणाली को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाना है, जिससे सही निर्णय सुनिश्चित हो सकें।