- मच्छरों पर प्रभावी नियंत्रण में सहायक हैं यह मछली
लखनऊ - विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत संचारी रोगों के प्रति जनजागरूकता एवं प्रभावी नियंत्रण के लिए नगर निगम एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनपद में विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रही हैं | इसी क्रम में बुधवार को जोन-6 में घण्टाघर के निकट स्थित शीश महल तालाब में 5000 गम्बूसिया मछली डाली गईं ।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.संजय भटनागर ने बताया कि विशेषज्ञों के अनुसार एक एकड़ में लगभग दो हजार गम्बूसिया मछली पर्याप्त होती हैं | इसके साथ ही इसकी ब्रीडिंग काफी तेज होने के कारण यह मछलियां मच्छरों के प्रभावी नियंत्रण में सहयोगी हैं ।
इस मौके पर उपस्थित नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. एस.के.रावत ने बताया कि मच्छरों का जीवन चक्र 20 से 25 दिनों का होता है, जिसमें 9-10 दिनों तक रूके हुए पानी के अन्दर रहता है, फिर उसके बाद यह मच्छर प्रौढ होकर हवा में उड़ जाते है। हम इन रूके हुए पानी को नष्ट कर इनके पैदा होने वाले स्रोत को नष्ट कर सकते है। इस कार्य में गम्बूजिया मछली हमारी बडी सहयोगी है | यह मछली पानी में ही मच्छरों के लार्वा को बड़े चाव से खा जाती हैं जिससे मच्छरों को वयस्क होने से पूर्व पानी में ही नष्ट किया जा सकता है।
राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के.पी. त्रिपाठी ने बताया कि इससे पहले भी जनपद में मोती झील, राज भवन के जलजमाव वाले स्थानों, तेली बाग़ की मछली मंडी के सामने स्थित तालाब और हैवतमऊ स्थित तालाब में भी इन गम्बूसिया मछ्ली को डाला जा चुका है |
फैमिली हेल्थ इण्डिया के एम्बेड समन्वयक धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने “प्रत्येक रविवार, मच्छरों पर वार” एवं “बुखार में देरी पडेगी भारी” जैसे संदेशों के माध्यम से मच्छरों के पनपने वाले स्थलों को नष्ट करने एवं किसी भी प्रकार के बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्रों पर जांच कराये जाने के संदेशों को जन सामान्य में प्रचार-प्रसार हेतु स्टाल लगा कर एवं सांप सीढी गेम के माध्यम से जागरूक किया ।
इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी डी.एन. शुक्ला, जोनल अधिकारी प्रज्ञा सिंह और नगरीय इकाई से सतेन्द्र कटियार, विनोद वर्मा, शशी मिश्रा अर्चना निगम, मधुप लाल उपस्थित रहे।