मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरी झण्डी दिखाकर भोपाल मेट्रो ट्रेन का किया शुभारंभ



भोपाल - शहर के नागरिकों को शनिवार को मेट्रो रेल की सौगात मिल गई है। इस अत्याधुनिक मेट्रो रेल सेवा का शुभारंभ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री  मनोहर लाल खट्टर ने भोपाल में हुए एक कार्यक्रम में पहले रिमोट का बटन दबाकर और बाद में हरी झंडी दिखाकर किया। 

अब नागरिकों के लिए प्रारंभिक चरण में 7.4 किलोमीटर लंबे रूट पर भोपाल में मेट्रो चलेगी। सुभाष नगर से एम्स (AIIMS) तक रोजाना 17 ट्रिप्स संचालित होंगे। इसमें सुभाष नगर से एम्स की ओर 9 मेट्रो ट्रेनें और एम्स से सुभाष नगर की ओर 8 ट्रेनें शामिल हैं। शुरुआती दौर में सुबह 9 बजे शुरू होकर शाम 7 बजे तक ये सेवा रहेगी। प्रत्येक मेट्रो में तीन कोच होंगे, जो एक बार में 200 से 250 यात्रियों को सुविधाजनक रूप से ले जाएंगे। टिकट प्रणाली फिलहाल मैनुअल रहेगी। 

भोपाल मेट्रो अत्याधुनिक रेल सेवा है। भोपाल मेट्रो 30.8 किलोमीटर लंबी परियोजना भोपाल के शहरी क्षेत्र को आसान, तेज और पर्यावरण के अनुकूल बनायेगी। परियोजना में दो कॉरीडोर लाइन और एक डिपो है। भोपाल मेट्रो की ऑरेंज लाइन 16.74 किलोमीटर और ब्लू लाइन 14.16 किलोमीटर की है। यह परियोजना शहर के प्रमुख व्यावसायिक और आवासीय क्षेत्रों को जोड़ते हुए यातायात के दवाब को कम करेगी और नागरिकों के जीवन स्तर को उन्नत बनायेगी। भोपाल मेट्रो आधुनिक परिवहन प्रणाली के साथ ही शहर की प्रगति का प्रतीक है। स्मार्ट, सुरक्षित और पर्यावरण अनुकूल यात्रा को बढ़ावा देते हुए यह परियोजना आवाजाही को आसान बनाएगी। 

शुभारंभ के साथ भोपाल एक आधुनिक, हरित और सुलभ राजधानी बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा चुका है। गौरतलब है कि भोपाल मेट्रो के पहले चरण ऑरेंज लाइन 'प्रायोरिटी कॉरीडोर' में एम्स, अलकापुरी, डीआरएम ऑफिस, रानी कमलापति स्टेशन, एमपी नगर, बोर्ड ऑफिस चौराहा, केन्द्रीय विद्यालय एवं सुभाष नगर मेट्रो स्टेशन शामिल है। यह कॉरीडोर शहर के व्यस्त मार्गों पर सुगम यातायात उपलब्ध करेगा और प्रदूषण को कम करने में सहायता प्रदान करेगा। मेट्रो का यह कॉरीडोर नागरिकों की यात्रा को सरल और आसान बनायेगा। भोपाल मेट्रो की अनुमानित लागत 10 हजार 33 करोड़ रूपये है। इसमें प्रायोरिटी कॉरीडोर की लागत 2 हजार 225 करोड़ रूपये है। प्रायोरिटी कॉरीडोर में प्रतिदिन 3 हजार लोगों के यात्रा करने का अनुमान है। 

भोपाल मेट्रो की विशेषताओं की बात करें तो इसमें सुविधाजनक यात्रा के लिये सभी स्टेशनों पर हाई-स्पीड लिफ्ट और एस्केलेटर लगे हैं, दिव्यांगजन के लिये सुगम प्रवेश, व्हील चेयर सुविधा, ब्रेल साइनेज उपलब्ध हैं, एआई आधारित सीसीटीवी निगरानी, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और ग्रेड-4 सिग्निलिंग सिस्टम लगाए गए हैं। इसके साथ ही रीजेनेरेटिव ब्रेकिंग से ऊर्जा उत्पादन और सोलर पावर का उपयोग किया जा रहा है। पूर्णत: एसी, आरामदायक सीटिंग और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट की सुविधा यात्रियों के लिए है इसमें ऑडियो-विजुअल यात्री सूचना प्रणाली और हाई-टेक ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर भी मौजूद हैं।