- सभी सीएचसी को भेजी जा चुकी है ग्राम प्रधानों के लिए चिट्ठी
- आशा कार्यकर्ता के माध्यम से नवनिर्वाचित प्रधानों तक पहुंचेगा पत्र
- भ्रांतियों को दूर कर लोगों को आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए करेंगे प्रेरित
गोरखपुर - प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान भारत) के बारे में सभी लाभार्थियों तक सही और सटीक जानकारी पहुंचाने के लिए जिले के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों की मदद ली जाएगी। इसके लिए सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) तक ग्राम प्रधानों के लिए चिट्ठी भेजी जा चुकी है। सीएचसी के माध्यम से आशा कार्यकर्ता गांव-गांव इन चिट्ठियों को ग्राम प्रधानों तक पहुंचाएंगी।
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. अनिल कुमार सिंह ने बताया कि जिले के 1252 ग्राम प्रधानों के लिए तैयार पत्र का प्रिंट आउट सीएचसी को भेजा जा चुका है । यह पत्र साचीज की सीईओ डॉ. संगीता सिंह की तरफ से प्राप्त हुआ था। पत्र के जरिये योजना के बारे में जानकारी देते हुए आयुष्मान कार्ड (गोल्डेन कार्ड) की महत्ता बताई गयी है। नये ग्राम प्रधानों से यह अपेक्षा की जा रही है कि वह अपने गांव के लाभार्थियों को योजना के लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे और जिनका कार्ड नहीं बना है, उन्हें कार्ड बनवाने के लिए प्रेरित करेंगे। ग्राम प्रधान योजना से जुड़ी किसी भी तरह की भ्रांतियों को दूर करेंगे और बताएंगे कि योजना का लाभ केवल उन्हीं को मिलता है जिनका नाम पहले से ही सूची में शामिल है। सूची में कोई भी नया नाम भारत सरकार और शासन के दिशा-निर्देश पर ही जोड़ा जाता है।
योजना के नोडल अधिकारी डॉ. सिंह ने बताया कि योजना का लाभ अस्पताल में भर्ती होने के बाद ही प्राप्त होता है। इसके तहत पांच लाख तक के इलाज की सुविधा निःशुल्क मिलती है। एक वित्तीय वर्ष में अगर योजना का लाभ नहीं लिया जाता है तो पांच लाख की निःशुल्क सुविधा अगले वित्तीय वर्ष में नहीं जुड़ती है। किसी भी सरकारी अस्पताल और सम्बद्ध निजी अस्पताल से योजना का लाभ लेने के लिए वहां मौजूद आरोग्य मित्र की मदद ली जा सकती है।
जिले में 3.6 लाख लाभार्थी परिवार : योजना के जिला सूचना एवं तकनीकी प्रबंधक शशांक शेखर ने बताया कि जिले में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री आयुष्मान योजना के करीब 3.6 लाख लाभार्थी परिवार हैं। इन परिवारों में से करीब 3.44 लाख लोगों के ही आयुष्मान कार्ड बने हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद ढेर सारे लाभार्थी कार्ड बनवाने में रूचि नहीं दिखा रहे हैं। ग्राम प्रधानों की सहभागिता से इस कार्य में मदद मिलेगी।
आयुष्मान कार्ड के फायदे : योजना के जिला शिकायत प्रबंधक विनय कुमार पाण्डेय ने आरोग्य कार्ड के फायदे के बारे मे जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्ड के रखने से अस्पताल पहुंचने पर लाभार्थी का कीमती समय बचता है। कार्ड होने पर आरोग्य मित्र वेरीफाई कर मरीज का तुरंत इलाज शुरू करवा देते हैं। कार्ड पर क्यूआर कोड होता है जिसे स्कैन करके तुरंत लाभार्थी का वेरीफिकेशन हो जाता है। योजना के लाभार्थी अपना आरोग्य कार्ड किसी भी जन सुविधा केन्द्र,योजना में आबद्ध निजी अस्पताल एवं सरकारी अस्पताल मे निशुल्क बनवा सकते हैं । मरीजों को इलाज में सहूलियत देने के मकसद से कार्ड की व्यवस्था लागू की गयी है। लाभार्थी परिवार के प्रत्येक सदस्य का आरोग्य कार्ड बनवाना अनिवार्य है ।