एफपीओ से चार साल में दोगुनी कर ली आय, अब 1000 किसानों को दिखा रहे राह



  • पॉली ब्लॉक के बेलऊर गांव निवासी महेंद्र यादव ने एफपीओ के साथ मॉडल गांव अभियान से जुड़े लोगों को तरक्की की राह दिखायी तो ग्राम प्रधान बनीं पत्नी मीना का भी मिल रहा साथ
  • डेढ़ करोड़ के टर्न ओवर के एफपीओ का हो रहा संचालन

गोरखपुर - आर्गेनिक खेती का गुर सीखने मध्य प्रदेश गये महेंद्र ने फार्मर प्रोड्यूसर  आर्गनाइजेशन (एफपीओ) से सफलता का ऐसा गुर  सीखा कि अब खुद के साथ-साथ दूसरों की भी जिन्दगी  में  रोशनी बिखेर रहे हैं । एफपीओ के जरिये चार साल में महेंद्र ने अपनी आय दोगुनी कर ली और 1000 किसानों को इसी के जरिये आय बढ़ाने की राह दिखा रहे हैं । पॉली ब्लॉक के भेलऊर गांव निवासी महेंद्र एफपीओ के साथ-साथ  मॉडल विलेज  मेनिफेस्टो के अभियान से भी जुड़े  हैं । लोगों को तरक्की की राह दिखाने के उनके प्रयास से पत्नी मीना यादव ग्राम प्रधान चुनी गयी हैं और वह भी महिलाओं को अभियान से जोड़ रही हैं । महेंद्र के एफपीओ का टर्न ओवर डेढ़ करोड़ का है।

ब्रम्हकृषि बायो एनर्जी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड नामक एफपीओ का संचालन कर रहे महेंद्र यादव का कहना है कि कृषि उपज के प्रॉसेसिंग और ब्रांडिंग के जरिये ही उसकी कीमत और डिमांड बढ़ायी जा सकती है । परम्परागत खेती की बजाय आर्गेनिक फार्मिंग और परम्परागत फसलों की बजाय नींबू, केला, फूलों आदि की खेती पर भी ध्यान देना होगा । वर्ष 2018 में महेंद्र का मध्य प्रदेश जाना हुआ । वहां उन्होंने एफपीओ के बारे में जाना और सीखा। ऐसे-ऐसे एफपीओ देखे जिसमें 6000 तक सदस्य थे और अच्छी-खासी कमाई कर रहे थे । वापस आकर उन्होंने अपने एफपीओ का गठन किया । किसानों के बीच गये और उन्हें इसका महत्व समझाया।

महेंद्र यादव ने बताया कि जो किसान एफपीओ के जरिये अपनी फसल बेचते हैं तो उन्हें त्वरित मूल्य तो मिलता ही है, प्रॉसेसिंग के बाद बाजार में फसल की जो बढ़िया कीमत मिलती है, उसमें भी शेयर दिया जाता है। उनके एफपीओ से जुड़े किसान काला गेहूं, सब्जियों, काला नमक चावल और हनी प्रोडक्ट्स आदि के जरिये आय बढ़ा रहे हैं । एफपीओ के कुछ युवा किसान सहजन और नींबू की खेती की ओर भी अग्रसर हुए हैं । वह कहते हैं कि इस कार्य में थोड़ा धैर्य रखना पड़ता है, लेकिन परिणाम सुखद आते हैं ।

गांव में महिलाओं का समूह बना : महेंद्र ने बताया कि फरवरी 2021 में उन्होंने लखनऊ के गुड़  महोत्सव में मॉडल गांव के कॉन्सैप्ट को समझा और गांव में आकर उसे प्रमोट किया । गांववालों को मॉडल गांव का एजेंडा समझाया । लोग काफी प्रभावित हुए। पत्नी इसी साल ग्राम प्रधान भी बन गयीं। अब गांव में साफ-सफाई, स्वरोजगार और महिला सशक्तीकरण जैसे मॉडल गांव के एजेंडा को लागू किया जा रहा है । 10-10 महिलाओं का ग्रुप बनाया जा रहा है और उन्हें अचार आदि घरेलू सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है । इससे महिलाओं की आय बढ़ेगी और उनका गांव जिले का मॉडल गांव बन सकेगा ।