आयुष्मान भारत के दो करोड़वें लाभार्थी बने जौनपुर के रामधनी



  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत मुफ्त इलाज से बची जान
  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिया हालचाल

लखनऊ - जौनपुर जनपद के लालगंज निवासी रामधनी ”आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना” के दो करोड़वें मरीज बने, जिनका योजना के तहत मुफ्त इलाज किया जा रहा है ।  देश भर में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना” का शुभारम्भ 23 सितम्बर, 2018 को प्रधानमंत्री द्वारा रॉची, झारखण्ड से किया गया था।  

जौनपुर जनपद के लालगंज निवासी रामधनी का कुछ दिनो पूर्व साइकिल  चलाते समय दुर्घटना होने से उनके दोनो कुल्हे पूरी तरह टूट गए  थे। रामधनी के परिवार के पास उनका इलाज कराने के लिये पैसों का अभाव था। परिवार पर आये अचानक संकट की घड़ी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना उनके लिये वरदान साबित हुई और उनके दोनो कूल्हों का प्रत्यारोपण  प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजनान्तर्गत निःशुल्क संभव हो सका। जौनपुर जनपद के पार्थ हॉस्पिटल में रामधनी के दोनो कूल्हों के प्रत्यारोपण पर कुल 70,000 रुपये का खर्च आया है। रामधनी के इलाज पर आये पूरे खर्च का वहन प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के मद से चिकित्सालय को किया जायेगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने बुधवार (18 अगस्त) को एक लाइव कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम रामधनी से वार्ता कर उनका हाल-चाल जाना। लाइव कार्यक्रम के दौरान रामधनी ने अपने निःशुल्क इलाज के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी का आभार व्यक्त किया। उन्होने कार्यक्रम के दौरान बताया कि वह पेशे से एक साधारण किसान हैं और अगर यह योजना न होती तो उन्हें अपनी खेती की जमीन बेंच कर अपना इलाज कराना पड़ता। इस योजना के कारण उनका समय पर इलाज शुरू हो पाया, जिसके कारण उनकी जान बच सकी।  देश भर में पिछले दो वर्षों से लागू यह योजना गरीबों के लिये वरदान साबित हुयी है, जिसका परिणाम है कि योजनान्तर्गत पूरे देश में मरीजों का आंकड़ा दो करोड़ को भी पार कर गया है।

इस योजना की सफलता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि प्रदेश में योजना के लागू होने से अब-तक आठ लाख से भी अधिक गरीब एवं बेसहारा परिवारों को इलाज मिल चुका है। इस योजना के माध्यम से सरकार ने गरीब एवं बेसहारा परिवारों के लिए बड़े निजी अस्पतालों के द्वार खोल दिये हैं जो अभी तक केवल सम्पन्न लोगों की पहुंच के अन्दर थे।