महिला दिवस पर गोष्ठी आयोजित



- भ्रूण के लिंग की जाँच करना व कराना दोनों अपराध की श्रेणी में : सीएमओ

लखनऊ, 8 मार्च 2021 - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जनपद  स्तरीय गोष्ठी का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा, संजय भटनागर ने की | इस मौके पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा – महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए हैं, वर्तमान में मिशन शक्ति अभियान भी चल रहा है |

उन्होंने कहा लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध  "गर्भधारण एवं  प्रसवपूर्व निदान तकनीकि (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994" (पीसीपीएनडीटी एक्ट, 1994)  के द्वारा  लगाया है ।  गर्भस्थ शिशु / भ्रूण के लिंग की जांच कराना या जाँच करना दोनों कानूनी अपराध है । इसलिए "गर्भधारण एवं  प्रसव पूर्व निदान तकनीकि (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम 1994" प्रदेश में प्रभावी तरीके से वर्तमान में लागू है । लिंग निर्धारण के लिए प्रेरित करने तथा अधिनियम के प्रावधानों / नियमों के उल्लंघन के लिए कारावास एवं सजा का प्रावधान है । ऐसा गैर कानूनी कार्य करवाने वाले व्यक्ति को 5 वर्ष का कारावास एवं एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है तथा ऐसा गैर कानूनी करने वाले को 5 वर्ष का कारावास एवं पचास हजार  तक का जुर्माना हो सकता है ।

पी.सी.पी.एन.डी.टी के राज्य नोडल अधिकारी डा. संजय सहवाल ने कहा - आज भी हमें महिला दिवस मनाने की ज़रूरत पड़ रही है, इसके लिए हमारा समाज जिम्मेदार है । वर्तमान  में भी  लड़का और लड़की में भेदभाव होता है, हमें इसे दूर करना है और इसकी शुरुआत अपने घर से ही करनी है ।

पी.सी.पी.एन.डी.टी के नोडल अधिकारी डा.आर.बी. सिंह ने कहा - महिला एवं पुरुष असामनता चाहे  विकासशील देश हों या विकसित देश हर जगह देखने को मिलती है ।अंतराष्ट्रीय महिला दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है । लिंग चयन/ भ्रूण हत्या / अवैध गर्भपात में संलिप्त व्यक्तियों / संस्थानों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही में "मुखबिर योजना" से जुड़कर सरकार की सहायता की जा सकती है और सरकार से पुरस्कार भी प्राप्त किया जा सकता है ।

इस अवसर पर संजय गांधी चिकित्सा परास्नातक संस्थान के जेनेटिक्स विभाग की विभागाध्यक्ष डा. शुभ्रा फड़के ने कहा - समाज में यह संदेश देना सबसे जरूरी है कि लड़का हो या लड़की जो भी जन्म ले वह स्वस्थ हो । ऐसा आज के समय में संभव है |  हम आनुवंशिक बीमारियों  जैसे थैलेसीमिया, डाउन सिंड्रोम  से ग्रसित बच्चों के बारे में गर्भ में ही पता लगा सकते हैं । इसके लिए माता और पिता दोनो को मां के गर्भ धारण से पहले अपने खून की जांच करवा लेनी चाहिए ।  

किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के रेडियोलोजी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. पी के श्रीवास्तव ने कहा - नारी शक्तिकरण पर हमारे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जी का विशेष जोर है। अपने स्तर से समाज में जागरूकता फैलाएं कि भ्रूण हत्या अपराध है ।  एक जागरूक नागरिक के रूप में समाज में सभी को अपना सक्रिय योगदान देना चाहिए ।

मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा. के. पी.त्रिपाठी ने कहा - फरवरी आखिरी सप्ताह से अभी तक स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस के माध्यम से महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य की जांच की गई और उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई गई । हर रविवार पर मच्छर पर वार अभियान के तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मुख्य चिकित्सा अधिकारी के निर्देशन में आशा कार्यकर्ता, ए एन एम और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ एक कैंप का आयोजन किया जाता है जहां पर मेडिकल मोबाइल वैन के माध्यम से किशोरियों और महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं ।

गोष्ठी से पूर्व "लिंग चयन /भ्रूण हत्या को हतोत्साहित" विषय पर रानी अवंतीबाई जिला महिला चिकित्सालय से रैली का आयोजन किया गया । जिसको हरी झंडी दिखाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने रवाना किया । इस मौके पर उपमुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मिलिंद वर्धन, डा. अभिलाषा मिश्रा,  संस्कार भारती  से किरन श्रीवास्तव, राष्ट्र सेविका समिति से मधुबाला अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी विभिन्न डायग्नोस्टिक सेंटर के प्रतिनिधि, उपस्थित थे ।