देश को मिल सकती है एक और कोरोना वैक्सीन, पहली mRNA-आधारित कोविड वैक्सीन पाई गई सुरक्षित



  • भारत का पहला कोविड-19  एमआरएनए टीका ( वैक्सीन) मिशन कोविड  सुरक्षा के तहत डीबीटी-बीआईआरएसी  के साथ साझेदारी में विकसित किया गया 

नई दिल्ली डेस्क -  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार देश की पहली एमआरएनए-आधारित कोविड वैक्सीन सुरक्षित पाई गई है। अब इसे दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षणों के लिए अनुमति दी गयी है । इस वैक्सीन को बनाने वाली पुणे स्थित बायो टेक्नोलॉजी कंपनी जेनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लिमिटेड को फेज 2 और 3 के क्लीनिकल ट्रायल की अनुमति मिल चुकी है।

कंपनी ने पहले चरण के ट्रायल के आंकड़े केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के यहां जमा कराए थे। सीडीएससीओ की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने आंकड़ों की समीक्षा की है, जिसमें वैक्सीन को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। डीबीटी के मुताबिक कंपनी दूसरे चरण का क्लीनिकल ट्रायल देश में 10-15 जगहों पर करेगी। जबकि, तीसरे चरण का परीक्षण 22-27 केंद्रों पर किया जाएगा।  जेनोवा ने इस अध्ययन के लिए डीबीटी-आईसीएमआर क्लीनिकल ट्रायल नेटवर्क साइटों का उपयोग करने की योजना बनाई है।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) की सचिव और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसन्धान सहायता परिषद (बीआईआरएसी)  की अध्यक्ष  डॉ. रेणु स्वरूप ने  इस अवसर कहा है  कि "यह बहुत गर्व की बात है कि देश का पहला एमआरएनए-आधारित टीका सुरक्षित पाया गया है और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजी आई) ने दूसरे /  तीसरे चरण के  परीक्षण के लिए अपनी स्वीकृति भी दे दी है। हमें विश्वास है कि यह भारत और विश्व  दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण टीका सिद्ध होगा। यह हमारे स्वदेशी वैक्सीन विकास मिशन में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अवसर भी  है और भारत को  वैक्सीन विकास के  विशिष्ट वैश्विक मानचित्र में स्थापित करता है।"

@DBTIndia @BIRAC_2012 supported Nation’s first mRNA-based HGCO19 #COVID19 #vaccine found to be safe gets a nod from the Drugs Controller General of India to move into Phase II/III trial
Press Release: https://bit.ly/3guD6yZ