- मातृ वंदना सप्ताह के तहत आयोजित की गयी कार्यशाला
- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना व गर्भवती के देखभाल की दी गयी जानकारी
लखनऊ - जनपद में एक से सात सितम्बर तक “मातृ वंदना सप्ताह” आयोजित किया जा रहा है | इसी क्रम में काकोरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पर शुक्रवार को आशा कार्यकर्ताओं के लिए एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया | कार्यशाला में काकोरी सीएचसी के चिकित्सा अधीक्षक डा. दिलीप भार्गव ने कहा- प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) पहली बार गर्भवती होने वाली महिला के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है | इस योजना का उद्देश्य गर्भवती को पोषण प्रदान करना है | “मातृ वंदना सप्ताह” को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक गर्भवती को इस योजना के तहत पंजीकृत करना है और उन्हें इस योजना का लाभ देना है |
चिकित्सा अधीक्षक ने कहा- आशा कार्यकर्ता अपने - अपने क्षेत्रों में जाकर जहाँ गर्भवती को इस योजना के बारे में बतायेंगी वहीँ उन्हें इस योजना से सम्बन्धित प्रारूप को भरने में भी मदद करेंगी | यदि लाभार्थी को कोई शिकायत है या कोई शंका है तो इसका समाधान करने का प्रयास करें या उन्हें सीएचसी पर लेकर आयें | इसके साथ ही गर्भवती को खान पान और पोषण के बारे में भी जागरूक करें, उन्हें बताएं कि गर्भवस्था के दौरान संतुलित और पौष्टिक आहार का सेवन करना है | आयरन और कैल्शियम की गोलियों का सेवन करना है | इसके अलावा अब गर्भवती भी कोविड का टीका लगवा सकती हैं | टीका गर्भवती के लिए पूरी तरह सुरक्षित है | इसलिए अधिक से अधिक गर्भवती को कोविड का टीका लगवाने के लिए प्रेरित करें और उन्हें स्वास्थ्य केंद्र तक लेकर आयें |
पीएमएमवीवाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक सुधीर वर्मा ने कहा - योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने पर पोषण के लिए पांच हजार रुपये तीन किश्तों में गर्भवती के खाते में दिए जाते हैं | पहली किश्त 1,000 रुपये की गर्भधारण के 150 दिनों के अंदर पंजीकरण कराने पर, दूसरी किश्त में 2,000 रुपये 180 दिनों के अन्दर व 2,000 रूपये की तीसरी किश्त प्रसव पश्चात तथा शिशु के प्रथम टीकाकरण चक्र के पूरा होने पर मिलते हैं | इस तरह से महिला की पूरी गर्भावस्था के दौरान कम से कम 4 जांचें और शिशु का पहला टीकाकरण चक्र सुनिश्चित हो जाता है | यह सभी बातें गर्भवती और उनके परिवार के सदस्यों को बताएँ और अधिक से अधिक गर्भवती का पंजीकरण सुनिश्चित करें |
ब्लाक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक प्रद्युम्न कुमार मौर्या ने बताया- गर्भावस्था के साथ-साथ नवजात और छह माह् से दो साल तक के बच्चों के देखभाल के बारे में भी आपको बताना है कि नवजात को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराएँ, छह माह तक केवल माँ का दूध दें और छह माह पूरे होने के बाद ऊपरी आहार शुरू करें | बच्चे का सम्पूर्ण टीकाकरण कराएँ | इसके आलावा लोगों को कोविड से बचाव के प्रोटोकॉल के बारे में भी बताना है |